Kabul : अफगानिस्तान की राजधानी काबुल में गुरुद्वारा करते परवान पर आज शनिवार को आतंकी हमला हुआ है. खबरों के अनुसार आतंकियों ने गुरुद्वारा में कई धमाके किये. आतंकियों ने फायरिंग की है. इस संबंध में भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने बताया कि काबुल के गुरुद्वारे में विस्फोट होने की सूचना मिली है. धमाके आज शनिवार तड़के हुए हैं. मनजिंदर सिरसा ने गुरुद्वारा करते परवन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह से बातचीत की है.
Explosions heard in Karte Parwan area of Kabul city. Details about the nature and casualties of this incident are not yet known: Afghanistan’s TOLOnews
— ANI (@ANI) June 18, 2022
As per info so far, 3 people have come out (of the Gurudwara) – 2 of them sent to hospital. Guard of the Gurudwara – a Muslim – died of bullets. 7-8 people are still believed to be trapped inside but numbers are not confirmed. Firing is still going on: Manjinder Singh Sirsa, BJP pic.twitter.com/qlQ38icfXS
— ANI (@ANI) June 18, 2022
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गुरनाम ने अफगानिस्तान में सिखों के लिए वैश्विक समर्थन की मांग की
हमले को लेकर गुरनाम ने अफगानिस्तान में सिखों के लिए वैश्विक समर्थन की मांग की है. सिरसा ने जानकारी दी कि अब तक तीन लोग गुरुद्वारे से बाहर निकल चुके हैं, जिनमें से दो घायलों को अस्पताल भेजा गया है. गुरुद्वारा के एक मुसलिम गार्ड की मारे जाने की खबर है. माना जा रहा है कि 7-8 लोग अभी भी अंदर फंसे हुए हैं लेकिन संख्या की पुष्टि नहीं हुई है. फायरिंग जारी है.हमले के पीछे ISIS खुरासान पर शक जताया जा रहा है. गुरुद्वारा में विस्फोट के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में विदेश मंत्रालय (MEA) के सरकारी प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि हम पवित्र गुरुद्वारे पर हमले की खबर से बहुत चिंतित हैं. स्थिति की बारीकी से निगरानी की जा रही है.
अफगानिस्तान के लोग एक बार फिर सबसे बुरे वक्त से गुजर रहे हैं
जान लें कि तालिबान के सत्ता में आने के बाद से पूरे अफगानिस्तान में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ गयी हैं. शुक्रवार को पिछली अशरफ गनी सरकार द्वारा नियुक्त भारत में अफगान राजदूत फरीद मामुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान के लोग एक बार फिर सबसे बुरे वक्त से गुजर रहे हैं. देश आर्थिक, सुरक्षा और राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. कहा कि पिछले साल अगस्त में तालिबान के कब्जे के बाद वहां मानवीय सुरक्षा और राजनीतिक संकट पैदा हो गया है. मामुंडजे ने कहा कि अफगानिस्तान से (सैनिकों की) अमेरिका की वापसी और तालिबान के कब्जे के बाद देशभर में आतंकवादी गतिविधियां परवान पर है.