Ranchi : झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्यों के बीच एक करार हुआ था. झारखण्ड स्टेट बार काउंसिल के निर्वाचित 25 सदस्यों में से 13 के बीच हुए इस करार से अब तक राज्य के 35 हजार वकील अनजान हैं. ये भी कहा जा सकता है कि इस करार को एक राज की तरह छुपाया गया. काउंसिल से जुड़े पुख्ता सूत्रों के मुताबिक बार काउंसिल के चुनाव के बाद जब काउंसिल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और BCI सदस्य के चुनाव की बारी आयी. तो वोटिंग के जरिये अध्यक्ष, उपाध्यक्ष व BCI सदस्य का चुनाव तो हुआ, लेकिन किस पद पर किसे चुनना है. ये सब कुछ पहले ही तय हो चुका था. इसके साथ ही वोटिंग से पहले एक करार भी हुआ, जिसमें इस बात को लिखित किया गया कि किस पद पर कौन सदस्य कितने दिनों तक रहेगा और यह भी लिखा गया कि एक दूसरे को मदद करने के एवज में पदों का बदलाव कुछ सदस्यों के बीच होगा.
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क़रार टूटने के पीछे की वजह काफ़ी सारी थी
नाम प्रकाशित नहीं करने की शर्त पर काउंसिल के एक पुराने निर्वाचित सदस्य ने बताया कि यह क़रार बीच में ही टूट गया, करार टूटने के पीछे की वजह काफ़ी सारी थी. जिसमें प्रमुख था अजीत कुमार का महाधिवक्ता पद से इस्तीफ. अजीत कुमार के इस्तीफ़ा देने के बाद काउंसिल की तत्कालीन परिस्थिति में काफी बदलाव आये. करार की कॉपी के मुताबिक उपाध्यक्ष पद पर दो सदस्यों को आधे आधे टर्म के लिए चुने जाने के लिए मदद करना और BCI के सदस्य के पद पर हर वर्ष बदलाव होना था. इसके लिए 5 सदस्यों के नाम थे.
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