Ranchi: मापतौल विभाग सरकार का एक बेहद अहम विभाग है. हालांकि यह विभाग कम चर्चा में रहता है, इसलिए इसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता. शायद इसी कारण से नियंत्रक जैसे महत्वपूर्ण पद को 10 साल से भी ज्यादा समय से प्रभार पर चलाया जा रहा है. अब तो प्रभारी नियंत्रक ने भी स्वयं को पूर्णकालिक ही मान लिया है. प्रभारी नियंत्रक केसी चौधरी कभी भी आधिकारिक पत्राचार में प्रभारी शब्द का उपयोग नहीं करते. ऐसा इसलिए ताकि विभाग के वरीय अधिकारियों का ध्यान उनके प्रभारी होने की तरफ नहीं जाये. मापतौल नियंत्रक की सेटिंग का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके खिलाफ शिकायतें या तो दबा दी जाती हैं या उनपर कोई कार्रवाई ही नहीं होती.
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व्यापारियों के भयादोहन कर मालामाल होने का आरोप
ऐसी ही एक शिकायत देवघर के बदला चौक निवासी गोपाल प्रसाद की है. वर्ष 2017 में विभाग को भेजे अपने शिकायती पत्र में गोपाल प्रसाद ने प्रभारी मापतौल नियंत्रक केसी चौधरी और देवघर के तत्कालीन मापतौल निरीक्षक प्रदीप कुमार पर दुकानदारों, पेट्रोल पंप संचालकों और व्यापारियों का भयादोहन करने और करोड़ों की काली कमाई कर मालामाल होने का आरोप लगाया था. खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा देवघर के उपायुक्त को पांच बार आरोपों की जांच के लिए लिखा गया, लेकिन चार साल से ज्यादा समय बीतने के बाद भी देवघर प्रशासन ने जांच प्रतिवेदन विभाग को नहीं भेजा.
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खाद्य आपूर्ति विभाग द्वारा पत्रांक 3138, दिनांक 20.07.2017, पत्रांक 434, दिनांक 06.02.2018, पत्रांक 29, दनांक 04.01.2019, पत्रांक 1825, दिनांक 20.06.2019 एवं पत्रांक 2389, दिनांक 15.09.2020 द्वारा देवघर डीसी से जांच प्रतिवेदन की मांग की गयी है. लेकिन अभी तक विभाग को जांच रिपोर्ट मिलने की सूचना नहीं है.
मामले को देख रहा विभागः अपर मुख्य सचिव
प्रभारी मापतौल नियंत्रक के बारे में लगातार...में प्रकाशित खबरों पर विभाग के अपर मुख्य सचिव अरुण कुमार सिंह ने कहा है. कि इस मामले को देखा जा रहा है. गौरतलब है कि पिछले 10 वर्ष से अधिक समय से राज्य के मापतौल विभाग के सहायक नियंत्रक केसी चौधरी अपने चार समकक्षों को सुपरसीड कर प्रभारी नियंत्रक बने हुए हैं. सरकार और विभाग के सामने 10 साल से इस पद को प्रभार पर चलाये रखने की क्या मजबूरी है, यह समझ से परे है. वह भी उस स्थिति में, जब देश के अन्य राज्यों में भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और राज्य प्रशासनिक सेवा के वरीय अधिकारी इस पद को संभाल रहे हैं.
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