Ranchi : किसी भी राज्य के लिए उसकी पुलिस फोर्स सबसे अहम होती है. लेकिन झारखंड एक ऐसा राज्य है, जहां झारखंड पुलिस में एक पद भरता है, तो दूसरा पद खाली हो जाता है. वर्तमान में हालात यह है कि स्पेशल ब्रांच के एडीजी मुरारी लाल मीणा को एडीजी मुख्यालय बनाया गया, तो स्पेशल ब्रांच एडीजी का पद खाली हो गया. प्रशांत सिंह को एडीजी जैप बनाया गया तो सीआईडी एडीजी का पद खाली हो गया. असीम विक्रांत मिंज को सीआईडी आईजी बनाया गया तो जोनल आईजी बोकारो का पद खाली हो गया. प्रिया दुबे को आईजी ट्रेनिंग बनाया गया तो दुमका जोनल आईजी का पद खाली हो गया. सुनील भास्कर को जैप डीआईजी का प्रभार दिया गया तो सीआईडी डीआईजी का एक पद खाली हो गया. रेशमा रेमेशन को धनबाद ग्रामीण एसपी बनाया गया तो रांची ट्रैफिक एसपी का पद खाली हो गया. मनोज स्वर्गीयारी को जामताड़ा एसपी गया तो धनबाद सिटी एसपी का पद खाली हो गया. पढ़ें – नोएडा : मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने गयी 16 महिलाएं हुईं बेहोश, अस्पताल में भर्ती
तीन यूनिट्स के प्रमुख का पद खाली पड़े हुए है
झारखंड पुलिस के आठ प्रमुख यूनिट्स है, जिनमें तीन यूनिट्स के प्रमुख का पद खाली पड़े हुए है और एक प्रभार के भरोसे चल रहा है. गौरतलब है कि झारखंड कैडर में आइपीएस अधिकारियों के स्वीकृत पदों की संख्या 157 है, जिसमें अभी 103 अधिकारी ही हैं. यानी 54 पद पर खाली पड़े हैं. इसके अलावा झारखंड पुलिस के 19 आइपीएस के पास अपने काम के अलावा अतिरिक्त विभाग का प्रभार है. ये सभी आइपीएस अपने-अपने विभाग के कामकाज के अलावा दूसरे विभाग का कामकाज देख रहे हैं. इसके अलावा कई जिलों के एसपी भी अपने जिला की सुरक्षा और विधि व्यवस्था से संबंधित कामकाज देखने के साथ-साथ जैप, आइआरबी और एसआइआरबी जैसे बटालियन के कामकाज को भी देख रहे हैं. वर्तमान में राज्य में 82 आइपीएस अधिकारियों की ही तैनाती है.
जानें वर्तमान में कौन- कौन सा पद खाली
- डीजी ट्रेनिंग: डीजी अनुराग गुप्ता
- डीजी रेल: डीजी अनिल पालटा
- डीजी एसीबी: डीजी अजय कुमार के पास अतिरिक्त प्रभार
- डीजी होमगार्ड: खाली
- एमडी जेपीएचसी: डीजी अजय कुमार
- एडीजी स्पेशल ब्रांच: खाली
- एडीजी जैप: प्रशांत सिंह
- सीआईडी एडीजी: खाली
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