Ranchi : प्रधानमंत्री आवास योजना की राज्य में स्थिति ठीक नहीं है. संदेह नहीं कि इससे लोग लाभांवित हुए हैं. पर ज्यादातर लोगों लिए यह योजना एक टीस बनकर रह गई है. सपना था अपना घर होगा. लेकिन उनके सपने टूट चुके हैं और दर्द बनकर उनकी जिंदगी को साल रहे हैं. कई तो ऐसे हैं, जो अपनी जमीन पर कच्चे मकान में रह रहे थे. न किसी से लेना था और न ही किसी को देना. कमाते थे,खाते थे. जिंदगी चल रही थी. पर योजना के चक्कर में उनमें कच्चे मकान को पक्का करने की चाहत जागी. कच्चे मकान को तोड़ दिया गया. पर योजना की सिर्फ पहली किस्त मिली. अब किराए के मकान में रह रहे हैं. ऐसे लोग कहते हैं कि हम अब न घर के रहे न घाट के. वर्तमान स्थिति यह है कि ऐसे अनेक लाभुक हैं, जिन्हें पहली किस्त के बाद अब तक अगली किस्त की राशि नहीं मिली है. आज भी ऐसे लोग पैसे के इंतजार में किराए के मकान में रह रहे हैं. देखा जाए तो आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों के लिए चलायी गयी यह योजना अच्छी है. लेकिन सिस्टम में खामियों के कारण योजना अपने उद्देश्य को पूरा नहीं कर पा रही है. शुभम शंदेश ने ऐसे लाभुकों से बातचीत की है. प्रस्तुत है रिपोर्ट…
जमशेदपुर के मानगो नगर निगम क्षेत्र में सात वर्षों से अधूरे हैं 57 आवास, चार ने पैसे लौटाए
जमशेदपुर के मानगो नगर निगम क्षेत्र में 57 पीएम आवास (शहरी) अब तक अधूरे हैं. जिनमें सात आवास का कार्य पूरी तरह बंद है. ऐसे लाभुकों से किस्त की वसूली के लिए उनपर सर्टिफिकेट केस दर्ज किया गया है. जिसमें चार ने पैसा वापस कर दिया है. जबकि 53 आवास निर्माण की प्रक्रिया में हैं. मानगो नगर निगम क्षेत्र में वैसे तो विगत सात वर्षों (वर्ष 2016-17 से लेकर अब तक) कुल 827 आवास स्वीकृत हुए. जिनमें 770 आवास पूर्ण हो चुके हैं. बचे हुए आवासों का निर्माण कार्य धीमी गति से चल रही है. मानगो नगर निगम के कार्यपालक पदाधिकारी सुरेश यादव ने बताया कि सभी लाभुकों को जल्द से जल्द निर्माण कार्य पूरा करने का निर्देश दिया गया है. कोताही बरते जाने पर कार्रवाई की जायेगी.
समय पर हुआ किस्त का भुगतान
मानगो निगर निगम क्षेत्र क वार्ड संख्या 10 के रहने वाले पंचू मार्डी को वितीय वर्ष 2021-22 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ. उन्होंने बताया कि उन्हें समय पर किस्त मिली है. जिसके कारण उनका पीएम आवास का सपना पूरा होता दिख रहा है. जल्द ही छत की ढलाई कंप्लीट होने के बाद अगले वर्ष गृह प्रवेश करेंगे.
चौथी किस्त अब तक नहीं मिली
मानगो वार्ड नंबर नौ की रहने वाली फरजाना अंजुम ने बताया कि उनके घर के छत की ढलाई पूरी हो गई है. हालांकि अभी तक चौथी किस्त नहीं मिली है. विभाग की ओर से जल्द भुगतान का आश्वासन दिया गया है. इससे पहले तीनों किस्त समय पर प्राप्त हुआ. जिससे पीएम आवास बनकर तैयार हो गया. फरजाना अंजुम ने बताया कि सरकार की यह योजना बेघर गरीबों के लिये वरदान साबित हो रही है.
आवास निर्माण में विभाग का मिल रहा सहयोग
मानगो के वार्ड नंबर आठ निवासी अजय कुमार वर्मा को वितीय वर्ष 2021-22 में पीएम आवास स्वीकृत हुआ. लेकिन तकनीकी कारणों से नींव खुदाई के बाद काम बंद करना पड़ा. उन्होंने बताया कि उन्हें अभी पहली किस्त मिली है. नींव में पानी भर जाने के कारण काम नहीं हो पाया. पानी की निकासी होने के बाद जल्द काम शुरू कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से जल्द काम पूरा करने का दबाव है.
प्रधानमंत्री आवास का पेमेंट नहीं मिला है
बोकारो से जबा देवी ने कहा कि चास नगर निगम वार्ड 31 के कमलडीह में प्रधानमंत्री आवास का पेमेंट नही मिला है, जबकि सबका जियो टैग हो चुका है. पेमेंट के लिए लाभुक नगर निगम कार्यलय का चक्कर लगा रहे है. जबकि नगर निगम क्षेत्र में वार्ड नं 31 कमलडीह को ग्रामीण क्षेत्र से हटाकर नगर निगम में जोड़ा गया है. निगम के पदाधिकारी लाभुको को कहते है कि आपका फाइल नही मिल रही है.
जियो टैग के बाद भी किस्त का भुगतान नहीं
बोकारो से धर्मेंद्र महथा ने कहा कि चास नगर निगम वार्ड 31 के कमलडीह में सबका जियो टैग होने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास के किस्त का भुगतान नहीं हुआ है. नगर निगम से हर बार आश्वासन दिया जाता है. कई लोगो की संचिका भी गायब है. एक साल बीत गया, इस बीच सभी सामानों की कीमत भी बढ़ गये.
कई आवास महीनों से अधूरे पड़े हैं
बोकारो के चास नगर निगम के कमलडीह निवासी बेबी कुमारी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना अंतर्गत निर्माणाधीन कई आवास महीनों से अधूरे पड़े हुए हैं. जिसे देखने ना निगम के कर्मचारी आते हैं और ना ही कोई अधिकारी. सरकार को लापरवाह अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए.
निर्माणाधीन मकान अधूरे पड़े हुए है
बोकारो के चास नगर निगम के वार्ड नंबर 31 के निवासी घनश्याम पांडे ने बताया कि पिछले कई महीनों से पैसे के अभाव में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्माणाधीन मकान मेरा अधूरा पड़ा हुआ है. संबंधित अधिकारी यह कह कर बरगला देते हैं कि आपका फाइल लगा दिया गया है. ठंड का मौसम भी गया. गुजारा करना मुश्किल हो रहा है.
अब तक दो किस्तें मिलीं हैं : मुन्नी मुंडा (रांची)
मोरहाबादी की मुन्नी मुंडा को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास आवंटित हुआ है. मुन्नी मुंडा ने बताया कि अबतक उसे दो किस्तें मिली है. उससे उसने अपना मकान लिंटन तक बनाया है. पैसे के अभाव में मकान का निर्माण बंद करना पड़ा है. अगली किस्त के लिए कई बार पार्षद से मिली, पार्षद ने बताया कि आवंटन नहीं होने के कारण नगर निगम से राशि नहीं मिल पा रही है. इसे लेकर घर अधूरा पड़ा है.
पैसा नहीं,काम रोकना पड़ा : अनिल मुंडा
चिरौंदी के अनिल मुंडा ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास पूरा करने में काफी परेशानी हो रही है. 2 किस्तें मिलने के बाद उसने आवास निर्माण लिंटन तक कर लिया, लेकिन अब पैसे नहीं होने के कारण काम रोकना पड़ गया है. उसने पार्षद से अगली किस्त दिलवाने की अपील की है, पार्षद ने कहा कि वह इसे लेकर नगर निगम के अधिकारियों से भी मिली, लेकिन पैसे नहीं होने के कारण लाभुकों को राशि नहीं मिल पा रही है. ऐसी स्थिति में अनिल का घर आधा अधूरा बनकर पड़ा है.
पैसा नहीं होने के कारण काम रोकना पड़ा
पलामू के हुसैनाबाद प्रखंड अंतर्गत देवरी कला के रामलाल चौधरी को 2020 में पीएम आवास के लिए पहली किस्त के रुप में 40 हजार रुपये का भुगतान किया गया था. पर आगे की किस्त नहीं मिलने के कारण काम रोकना पड़ा.उनका कहना है कि मेरा घर करीब 67 फुट लंबा और 51 फुट चौड़ा है. घर पुराना है. मैं पीएम आवास बनाने के लिए अपने मकान को तोड़ कर बर्बाद नहीं करूंगा .वहीं उनके दूसरे भाई जो उसी मकान के हिस्सेदार हैं.
दूसरी किस्त के इंतजार में रुका पड़ा है निर्माण कार्य
चाईबासा के मेरी टोला निवासी जीतू तिर्की ने बताया कि आवास निर्माण के लिये प्रथम किस्त की राशि छह माह पहले मिली थी. हमने अपने मकान को तोड़कर उसके फाउंडेशन को खड़ा कर दिया लेकिन दूसरी किस्त की राशि नहीं मिली. कब मिलेगी कहना बड़ा मुश्किल है अब उस राशि के इंतजार में मकान निर्माण का कार्य रुका हुआ है. हम और परिवार के लोग किराए के मकान में रह रहे हैं.
अपना घर भी टूटा, किराए के मकान में रहना पड़ रहा
चाईबासा के मेरी टोला निवासी कुलदीप तिर्की ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवास निर्माण के लिये प्रथम किस्त की राशि मिली. उसके बाद से राशि अभी तक नहीं मिली है. राशि के अभाव में मकान निर्माण भी नहीं हो पाया है और हम सभी अपने पुराने आवास को तोड़कर किराए के मकान में रह रहे हैं. पैसा आने पर उसका निर्माण कार्य आरंभ होगा.
जाड़े में दिक्कत, प्लास्टिक लगा कर कर रहे हैं गुजारा
धनबाद जिले के कलियासोल प्रखंड के सालुकचपड़ा पंचायत निवासी जयचंद महली ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के तहत 1 लाख 20 हजार रुपया मिलना था, लेकिन सिर्फ 55000 रुपया ही अभी तक मिला है. 5 हजार रुपए दलाल खा गए. उस राशि से लिंटर तक घर बना है. अब खाते में किस्त का पैसा नहीं आ रहा है. जाड़े में घर नहीं बनने से काफी परेशनी हो रही है. अधूरे बने आवास में प्लास्टिक लगाकर किसी तरह से परिवार के साथ रह रहे हैं.
प्रधानमंत्री आवास योजना में सिर्फ लूट, पैसे बिना काम नहीं
धनबाद जिले के सालुकचपड़ा निवासी तारा देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना में सिर्फ लूट है. बिना पैसा दिए कोई काम ही नहीं होता है. दो बार पैसा मिला, आधा घर भी उठा लिए, अब घुस देंगे तब न पैसा मिलेगा. आधे-अधूरे घर में किसी तरह दिन काट रहे हैं. कार्यालय जोन पर कोई सुनता नहीं है, किसके पास जाएं. जब पैसा आएगा तो आगे का काम कराएंगे.
पहली किस्त मिली, घर तोड़कर नींव का काम करा पाया
चाईबासा के मेरी टोला निवासी बड़का तिर्की ने बताया कि हम कहीं के भी नहीं रहे. आवास निर्माण के चक्कर में पहली किस्त मिली. उससे घर को तोड़कर उसकी नींव को तैयार किया गया. अब राशि मिलने में देरी हो रही है. मकान बनाने का काम ठप है. हम लोग ठंड में कहां जाएंगे. पास में ही एक छोटे सा मकान किराए में ले कर रह रहे हैं. अब लगता है कि किस चक्कर में फंस गए.
आरती तिर्की
छह महीने पहले मिली थी पहली किस्त, उसके बाद नहीं
चाईबासा के मेरी टोला निवासी आरती तिर्की ने बताया कि छह माह पहले प्रथम किस्त की राशि मिली थी. उसमें हम लोगों ने अपने मकान को तुड़वा दिया. उस राशि से इस उम्मीद से फाउंडेशन खड़ा किया कि जल्द से जल्द आवास का निर्माण हो जाएगा. लेकिन इसके बाद अभी तक पैसा नहीं मिलने से काम वहीं का वहीं रुका हुआ है. पता नहीं ऐसा कब तक चलेगा. ऐसे क्या बहुत सारा काम प्रभावित हो गया है.
आवास के लिए मुखिया के यहां चक्कर लगाकर थक गई
धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड की तिलैया पंचायत निवासी छोटी देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मुखिया के पास सभी जरूरी कागजात जमा किए थे. हमें तो आज तक पैसा ही नहीं मिला. मुखिया के घर का चक्कर लगा कर थक चुकी हूं. झोपड़ी में रहती हूं. इसमें भी बरसात के दिनों मे पानी टपकता है. पास में इतने पैसे नहीं कि खुद पक्का मकान बना सकूं.
मुखिया को 3 बार दिया आवेदन, नहीं मिल सका पैसा
धनबाद जिले के गोविंदपुर प्रखंड के गोरगा गांव की रहने वाली बिंदु देवी ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना के लिए मुखिया के पास तीन बार आवेदन दे चुकी हूं, लेकिन बैंक खाते में आज तक एक रुपया नहीं आया. मुखिया हर बार आश्वासन देते हैं कि पैसा आ जायेगा. विधवा हूं, पुराने मकान में रहती हूं, वो भी गिर रहा है. इसके बाद भी मेरी लाचारी किसी को नहीं दिख रही है.
कुछ लोगों ने पैसे लेकर भी घर नहीं बनवाया
पंचायत क्षेत्र में प्रधानमंत्री आवास (शहरी) के कई लाभुक अग्रिम राशि लेकर आवास का निर्माण नहीं करा रहे हैं. ऐसे लोगों में वे लोग भी शामिल हैं, जिन्होंने वित्तीय वर्ष 2016-17 में आवास निर्माण कराने के लिए अग्रिम लिया है. वर्ष 2016-17 से 2018 तक ऐसे 21 लाभुक हैं, जिन्होंने अग्रिम लेकर आवास निर्माण योजना पूरी नहीं की है. उन्हें कई बार नोटिस दिया जा चुका है. विभाग दिसंबर में इन लाभुकों पर नीलामपत्र वाद दायर करने का निर्णय लिया है. ऐसे लाभुकों में श्याम सुंदर भुइंया, रेशमा परवीन, रविता देवी, जगमनी देवी, सालो देवी, धनियादेवी, बालेश्वर उरांव, अंजुम बेगम, रेहाना परवीन, साजिदा खातून, जबीना बीबी, पूनम देवी, सीमा देवी, ममता देवी, सीमा देवी, पूनम देवी, प्रतिमा देवी, आयशा खातून, सबीना, मुराद खान व रीना देवी का नाम शामिल हैं.
आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है
नगर पंचायत के पीएम आवास के नोडल अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि शहरी क्षेत्र में अब तक कुल 2347 पीएम आवास स्वीकृत किये गये हैं. जिनमें से 1621 आवासों को पूरा करा लिया गया है. उन्होंने बताया कि चालू सत्र में पीएम आवास निर्माण के लिए प्राक्कलन तैयार कर आवंटन के लिए प्रस्ताव भेजा गया है. बताया गया कि पीएम आवास की प्राक्कलन राशि 03 लाख 62 हजार रूपये होती है.जिसमें से 02 लाख 25 हजार रूपये सरकार के द्वारा लाभुक को दी जाती है. शेष 01 लाख रूपये लाभुक का अंश दान होता है. मनोज कुमार ने बताया कि वैसे लाभुक जिन्होंने अग्रिम लेकर आवास पूरा नहीं किया है, उन्हें तीन बार नोटिस दिया जा चुका है, अब उन पर सर्टिफिकेट केस दर्ज कराया जायेगा.
मालूम हो कि इस योजना में बड़ी संख्या में वैसे लोग हैं जो योजना के लिए अग्रिम राशि लेकर चुप्पी साधे हुए हैं. हालांकि केंद्र से पैसे नहीं मिलने के कारण भी परेशानी हो रही है.