Ranchi: बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी अनामिका गौतम की क्वॉशिंग याचिका पर झारखंड हाईकोर्ट में सुनवाई पूरी हो गई है. सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की तरफ से अदालत में कहा गया की इस मामले में एसआईटी की सीलबंद रिपोर्ट कोर्ट में सौंपी जाएगी. जिससे अदालत ने इंकार कर दिया. गुरुवार को अदालत ने सोमवार तक सभी पक्षों को लिखित जवाब जमा करने का निर्देश दिया है. अदालत में सभी पक्षों की ओर से बहस पूरी कर ली गयी है. लिखित जवाब दायर होने के बाद हाईकोर्ट अपना फैसला सुना सकता है. हाईकोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस आनंद सेन की कोर्ट में इस मुकदमे की सुनवाई हुई.
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अनामिका गौतम को राहत बरकरार
सुनवाई के दौरान गोड्डा के भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की पत्नी के खिलाफ पीड़क कार्रवाई पर रोक के आदेश को बरकरार रखा है. राज्य सरकार की ओर से अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता दुष्यंत दवे और जीए 5 कौशिक शरखिल ने पक्ष रखा है. वही अनामिका गौतम की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने पक्ष रखा.
बता दें कि देवघर में जमीन खरीद के मामले में अनामिका गौतम के खिलाफ विष्णुकांत झा एवम किरण सिंह ने दो अलग अलग प्राथमिकी दर्ज करवाई है. जिसमें अनामिका गौतम के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए गए हैं. विष्णु कांत झा के द्वारा की गयी शिकायत में कहा गया है कि जिस जमीन का सरकारी मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपये है उस भूमि को सिर्फ 3 करोड़ रुपये में निबंधित करा लिया गया है.
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इतना ही नहीं भुगतान की राशि नगद स्वरूप अनामिका गौतम और उनकी कंपनी के द्वारा करायी गयी है. जो कि नियम के विरुद्ध है. इतने बड़े पैमाने पर नगदी लेनदेन का प्रावधान नहीं है. इन सभी लोगों ने मिलकर झारखंड सरकार और केंद्र सरकार को बड़े पैमाने पर सरकारी राजस्व घाटा पहुंचाने की साजिश रची है. मामले में झारखंड हाईकोर्ट ने अनामिका गौतम के खिलाफ किसी भी तरह की पीड़क कार्रवाई पर रोक का आदेश पूर्व में पारित किया था.
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