Ranchi : झारखंड पुलिस ने पहली बार 30 वर्षों से अधिक समय तक नक्सलियों के कब्जे में रहे बूढ़ा पहाड़ को पूरी तरह मुक्त करा लिया है. कब्जा मुक्त होने के बाद झारखंड पुलिस ने पहली बार शुक्रवार को बूढ़ा पहाड़ की चोटी पर एमआइ हेलीकॉप्टर उतारा था. रविवार को डीजीपी नीरज सिन्हा भी बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे. अदम्य साहस दिखाने वाले झारखंड पुलिस और सीआरपीएफ के जवानों को सम्मानित किया. इस दौरान एडीजी अभियान संजय लाटकर, आईजी अभियान एवी होमकर समेत कई अन्य पुलिस अधिकारी मौजूद थे.
जवानों का हौसला बढ़ाया
बूढ़ा पहाड़ पर पहुंचे डीजीपी समेत अन्य अधिकारियों ने बूढ़ा पहाड़ पर बने कैंप का निरीक्षण किया. इसके अलावा अधिकारियों ने जवानों का हौसला बढ़ाया और उन्हें पुरस्कृत किया. अधिकारियों ने ग्रामीणों की समस्याओं को सुना और उन्हें आश्वस्त किया कि आप अब नक्सलियों के भय से मुक्त हैं. सुरक्षाबल पूरी सुरक्षा देगी. नक्सली दोबारा यहां पर ठिकाना ना बना पाएं, इसके लिए सुरक्षा बलों का यहां कैप स्थापित किया जा रहा है. इस इलाके में अस्पताल, स्कूल समेत कई मूलभूत सुविधाओं का निर्माण कार्य प्रारंभ हो रहा है.
1990 के दशक में बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों का कब्जा रहा था
1990 के दशक में बूढ़ा पहाड़ पर नक्सलियों का कब्जा रहा था. वहां पर हमेशा सेंट्रल कमेटी के नक्सली रहते थे. जिस कारण वहां नक्सलियों की संख्या अधिक रहती थी. पुलिस ने बीच-बीच में कई अभियान चलाये, लेकिन बूढ़ा पहाड़ पर कभी पूरी तरह कब्जा नहीं हो सका था. वर्ष 2018 के जून माह में अभियान के दौरान जब पुलिस की टीम ने बूढ़ा पहाड़ पर चढ़ने का प्रयास किया, तो नक्सलियों ने आइइडी विस्फोट किया था.
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