Ranchi : जिला प्रशासन ने वामदलों पर प्राथमिकी दर्ज की है. 26 जून को वामदलों ने राजभवन के समक्ष प्रदर्शन किया था. प्रशासन ने कोविड गाइडलाइन के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए वामदलों पर केस दर्ज किया. वामदलों ने यह प्रदर्शन महंगाई और किसान कानून के खिलाफ किया था. एग्जीक्यूटिव मजिस्ट्रेट पंकज कुमार वर्मा की ओर से चार वामपंथी नेताओं पर प्राथमिकी दर्ज की गयी है, जिसमें भुवनेश्वर मेहता, भुवनेश्वर केवट, अजय सिंह और प्रफुल्ल लिंडा शामिल हैं. वहीं अज्ञात लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है. प्राथमिकी आपदा प्रबंधन एक्ट के तहत दर्ज की गयी है. 26 जून के कार्यक्रम में वामदलों में सीपीआई, सीपीआईएम, सीपीआई माले, मासस के प्रतिनिधि शामिल हुए थे. देशव्यापी राजभवन प्रदर्शन के तहत कार्यक्रम किया गया था.
इसे भी पढ़ें- पूर्वोत्तर राज्यों में आदिवासी समाज उद्योग क्षेत्र में आगे, झारखंड में इनका पीछे होना चिंताजनक, CII करे पहल: हेमंत
प्राथमिकी पर क्या कहा वामपंथी नेताओं ने
सीपीआई की ओर से उक्त कार्यक्रम का नेतृत्व किया गया था. इस पर पार्टी की ओर से बयान जारी किया गया. पार्टी अजय सिंह ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से की गयी प्राथमिकी तत्परता का परिचायक है. लेकिन जिला प्रशासन इसमें दोहरी नीति अपना रहा है. प्रशासन स्पष्ट करें कि 11 जून को महंगाई के खिलाफ सत्ताधारी दलों ने पेट्रोल पंपों में प्रदर्शन किया था. वहीं 19 जून को राष्ट्रीय राष्ट्रीय दल के नेता का जन्मदिन मनाया गया था. सार्वजनिक जगह में समारोह का आयोजन किया गया. कुछ विधायकों की ओर से भी सार्वजनिक स्थलों में मीटिंग की जा रही है. ऐसे में जिला प्रशासन स्पष्ट करें कि या तो उन्हें जानकारी नहीं है या प्रशासन सत्ताधारी दलों के दबाव में काम कर रही है, जो जिला प्रशासन की कार्यशैली और निष्पक्षता में सवाल खड़ा कर रहा है. जारी बयान में कहा गया कि जिला उपायुक्त अपने नाम के अनुरूप काम करें. पार्टी कानून के अनुसार काम करेगी.