Ranchi : झारखंड असिस्टेंट प्रोफेसर अनुबंध संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ.निरंजन महतो ने कहा कि अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की आर्थिक स्थिति दयनीय है. नियुक्ति के तीन वर्ष गुजर गए लेकिन हमलोगों की स्थिति जस की तस बनी हुई है. राज्य के मुख्यमंत्री शिक्षक दिवस पर शिक्षकों को सुभकामनाएं दे रहे हैं, लेकिन अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की वर्षों से लंबित मांग पर चुप्पी साधे हुए हैं. हमलोगों की एकसूत्री मांग एक निश्चित मानदेय है, जिसकी आस में सभी सरकार की ओर टकटकी निगाहों से देख रहे हैं.
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नहीं हो पाती है मूलभूत आवश्यक्ताओं की पूर्ति
प्रदेश अध्यक्ष डॉ. निरंजन महतो ने कहा कि अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों को प्रति कक्षा छह सौ रुपये और महीने में अधिकतम 36 हजार देने का प्रावधान है लेकिन महीने में बीस से पच्चीस हजार रुपये ही मिल पाते हैं. इसके कारण मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति कर पाना भी संभव नहीं होता है.
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सभी प्रकार के काम करने पड़ते हैं
डॉ. महतो न बताया कि अनुबंधित असिस्टेंट प्रोफेसरों की नियुक्ति शैक्षणिक कार्यों के लिए हुई है, इसके बावजूद विश्वविद्यालय के सभी प्रकार के कार्यों का संपादन करना पड़ता है. नामांकन एवं परीक्षा संचालन से जुड़ी सभी कार्यों को करना पड़ता है.