LagatarDesk : आज साल (2022) का पहला चंद्र ग्रहण लग रहा है. यह एक पूर्ण चंद्र ग्रहण है, जो दुनियाभर के कई देशों में नजर आने वाला है. हालांकि भारत में ग्रहण का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. चंद्र ग्रहण के दौरान चांद सूर्य की तरह लाल दिखेगा. वैज्ञानिक इसे ‘ब्लड मून’ कह रहे हैं. (पढ़े, सीमेंट कारोबार के किंग बनने को तैयार गौतम अडानी)
भारत में नहीं होगा चंद्र ग्रहण का प्रभाव
भारतीय समयानुसार, चंद्र ग्रहण सुबह 7.02 से शुरू हो चुका है जो दोपहर 12.20 पर खत्म होगा. इस चंद्र ग्रहण की कुल अवधि करीब 5 घंटे से ज्यादा रहेगी. हालांकि भारत में ग्रहण का प्रभाव देखने को नहीं मिलेगा. इसलिए यहां सूतक काल भी मान्य नहीं होगा. यानी पूजा-पाठ या किसी भी तरह के शुभ कार्यों पर किसी तरह की पाबंदी नहीं होगी. वैज्ञानिकों के अनुसार, साल का पहला चंद्र ग्रहण यूरोप के दक्षिणी-पश्चिमी हिस्से, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, नॉर्थ अमेरिका, दक्षिण अमेरिका, प्रशांत, अटलांटिक और हिंद महासागर समेत अंटार्कटिका और एशिया की कुछ जगहों से दिखाई देगा.
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80 साल बाद बन रहा ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग
ज्योतिषविदों के अनुसार, यह चंद्र ग्रहण वैशाख पूर्णिमा पर विशाखा नक्षत्र और वृश्चिक राशि में लग रहा. आज बुद्ध पूर्णिमा भी है. बुद्ध पूर्णिमा और चंद्र ग्रहण दोनों परिघ योग में पड़े हैं. ग्रह-नक्षत्रों का ऐसा संयोग 80 साल बाद बन रहा है.
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किसे कहते हैं ब्लड मून
जब सूर्य की रोशनी पृथ्वी के किनारों से होकर चांद तक पहुंचती है तो इसका नीला और हरा रंग चारों तरफ फैल जाता है. क्योंकि इनकी वेवलेंथ कम होती है. जबकि लाल रंग की वेवलेंथ ज्यादा होती है और वो चंद्रमा तक पहुंच पाता है. ऐसे में चंद्रमा लाल रंग का दिखाई देने लगता है. इसे ही ब्लड मून कहते हैं.
नासा की वेबसाइट पर देख सकते हैं चंद्र ग्रहण
भारत में यह चंद्र ग्रहण दिखाई नहीं देगा. लेकिन अगर इस खगोलीय घटना को आप देखना चाहते हैं तो 16 मई को अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा के ऑफिशियल वेबसाइट पर जाकर देख सकते हैं. या फिर सीधे नासा की वेबसाइट (nasa.gov/nasalive) पर जाकर भी इसे देखा जा सकता है.
तीन तरह से लगता है चंद्र ग्रहण
जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो चंद्रमा पूरी तरह या आंशिक रूप से ढक जाता है. इस स्थिति में आंशिक या पूर्ण चंद्र ग्रहण लग जाता है. यानी जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक ही सीध में आ जाते हैं तो चंद्र ग्रहण की स्थिति बनती है. चंद्र ग्रहण तीन तरह से लगता है. पहला पूर्ण चंद्र ग्रहण यानी जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी पूर्ण रूप से आ जाती है. इस स्थिति में पृथ्वी चंद्रमा को पूरी तरह से ढक लेती है. दूसरा आंशिक चंद्र ग्रहण होता है, जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी पूर्ण रूप से ना आकर उसकी छाया चंद्रमा के कुछ हिस्सों पर पड़ती है. वहीं तीसरा उपछाया चंद्र ग्रहण होता है, इस स्थिति में सूर्य चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में ना होकर पृथ्वी की छाया चांद पर पड़ती है.