- नगर निगम करेगा शहर के तालाबों का सौंदर्यीकरण, खर्च होंगे करोड़ों, फायदा होगा अफसरों को
Amit Singh
Ranchi: राजधानी रांची में अभी करीब 35 सरकारी और 7 निजी तालाब बचे हैं. इसमें से कई तालाबों के सौंदर्यीकरण की योजना है. सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाबों को कंक्रीट की दीवार और कंक्रीट के निर्माण से घेरा जा रहा है. अबतक रांची नगर निगम ने पांच तालाबों का सौंदर्यीकरण कराया है. इस कार्य में आर्थिक गडबड़ियां सामने आ चुकी हैं.
नगर निगम के जिम्मेवार अपने फायदे के लिए तालाबों के सौंदर्यीकरण की योजना पर काम कर रहे हैं. क्योंकि सौंदर्यीकरण से तालाबों को फायदा होने के बजाय नुकसान हो रहा है. जिन पांच तालाबों का सौंदर्यीकरण हुआ. इन तालाबों के जलस्तर में कमी आ गयी. गर्मी में भी इन तालाबों में पानी थोड़ा कम होता था. लेकिन सौंदर्यीकरण के बाद तालाब गर्मी में सूखने की कगार पर आ जाते हैं.
लतागार न्यूज को भूगर्व विज्ञान विभाग, रांची विवि के पूर्व अध्यक्ष और पर्यावरणविद प्रो. उदय कुमार ने बताया कि सौंदर्यीकरण के नाम पर तालाबों के प्राकृतिक सौंदर्य को खराब किया जा रहा है. कंक्रीट से होने वाले निर्माण की वजह से प्राकतिक जल श्रोत,जो तालाब तक पहुंचते थ. वह सभी बंद हो जा रहे हैं. तालाबों में बारिश का पानी पर्याप्त मात्रा में एकत्र नहीं हो पा रहा है. जिससे गर्मी के दौरान तालाब सूखने की कगार पर आ जाता है.
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सौंदर्यीकरण के दौरान प्राकतिक जल श्रोतों को बचाना जरूरी
प्रो. उदय कुमार कहते हैं कि तालाबों को अगर बचाना है, तो तालाबों तक पहुंचने वाले प्राकतिक जल श्रोतों को भी बेहतर करना होगा. सौंदर्यीकरण से पहले अगर प्राकतिक जल श्रोतों को दुरूस्त किया जाए,तो तालाब भविष्य में बच पाएंगे. नगर निगम तालाबों के सौंदर्यीकरण पर करोडों खर्च करता है. मगर उस खर्च से लाभ होने के बजाए, तालाबों को नुकसान हो रहा है.
उन्होंने कहा कि जहां जरूरत हो वहीं कंक्रीट का उपयोग किया जाए. सबसे ज्यादा जरूरी है कि तालाबों तक पहुंचने वाले गंदे पानी के नालों को बंद किया जाए. नालों से आने वाले गंदे पानी को साफ कर तालाब में डाला जाए.
आरआरडीए के सर्वे में केवल चार तालाबों की स्थिति अच्छी
शहर के आसपास स्थित तालाबों में से केवल चार की हालत अच्छी है. आरआरडीए की सर्वे रिपोर्ट में बताया गया है कि रांची के हटनिया तालाब,टाटीसिलवे के टाटी गांव स्थित तालाब, एयरपोर्ट के पीछे स्थित हुंडरू गांव व सपारोम गांव में स्थित तालाबों की स्थिति ही ठीक कही जा सकती है.
तालाबों का सौंदर्यीकरण अब तक सिर्फ नगर निगम की फाइलों तक ही सिमट कर रह गया है. 42 में से सिर्फ 5 तालाबों के सौंदर्यीकरण का काम हुआ. सौंदर्यीकरण कार्य में भी कई खामियां सामने आ चुकी हैं.
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नगर निगम फाइलों में कर रहा तालाबों का सौंदर्यीकरण
रांची नगर निगम ने शहर के तालाबों का सर्वे कराया था. उनके सौंदर्यीकरण की योजना बनायी थी. मजह पांच तालाबों का सौंदर्यीकरण हो सका. निगम की सूची के अनुसार, तिरील तालाब, बरियातू रिम्स तालाब, जोड़ा तालाब, चुटिया तालाब, बहु बाजार तालाब, देवी मंडप तालाब, हातमा बस्ती तालाब, एदलहातु तालाब, मधुकम बस्ती तालाब, कडरू, अरगोड़ा, पीपर टोली बस्ती तालाब, टुनकी बस्ती, पॉवर हाउस बस्ती तालाब, जोरार नामकुम तालाब, धुमसा टोली तालाब, सामलौंग, मकचुन टोली तालाब, हटिया, बनस, चुटिया तालाब, ग्वाला टोली, हुंडरू बस्ती तालाब, धुर्वा, जगन्नाथपुर बस्ती तालाब आदि का सौंदर्यीकरण किया जाना है.
इन तालाबों में जाता है नाले का गंदा पानी
आरआरडीए व नगर निगम के सर्वे में पता चला है कि शहर के कई तालाबों में नाले का गंदा पानी जा रहा है. जिन श्रोतों से बारिश का पानी तालाबों में जाता था. उन श्रोतों पर कब्जा हो गया है. सर्वे के अनुसार, रांची लेक (बड़ा तालाब), छोटा तालाब, मधुकम बस्ती तालाब, लाइन तालाब, कमला तालाब, चुटिया तालाब, मिसिरगोंदा बस्ती तालाब, हातमा बस्ती तालाब, सुकुरहुटू तालाब, दिव्यायन के नजदीक स्थित मोरहाबादी तालाब, करमटोली तालाब, एफसीआइ कडरू स्थित तालाब, पुंदाग स्थित तालाब, अरगोड़ा बस्ती स्थित तालाब, ललगुटवा बस्ती तालाब, जेपी मार्केट धुर्वा स्थित तालाब, बटम तालाब, डोरंडा माजार तालाब, चुटिया पावर हाउस के समीप स्थित तालाब में नाले का गंदा पानी स्टॉक हो रहा है.
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