- सदन में वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर डॉ रामेश्वर उरांव ने रखा सरकार का पक्ष
- विपक्ष ने नियोजन नीति, रोजगार, योजनाओं के हाल सहित कई मुद्दों पर सरकार को घेरा
Ranchi : झारखंड विधानसभा में सोमवार को वित्त मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने सदन में पेश वित्तीय वर्ष 2023-24 के बजट पर सरकार का पक्ष रखा. कहा कि यह बजट बाबुओं ने नहीं, हमारी सरकार ने सबके सलाह से बनाया है. इसलिए इसका नाम हमिन कर बजट दिया गया है. बजट में आम लोगों, अर्थशास्त्र के विशेषज्ञ, पड़ोसी राज्य ओड़िशा सहित अन्य राज्यों के एक्सपर्ट की राय समाहित है. हमने बजट में अपने रिसोर्स पर फोकस और भरोसा किया है. जहां तक केंद्रीय ग्रांट की बात है तो यह संवैधानिक अधिकारों के तहत मिलता है. केंद्र सरकार कोई उपकार नहीं कर रही है. कर्ज हर इंसान और हर सरकार लेती है. मगर हमने कर्ज लेने की सीमा को बढ़ाया नहीं, इसे 1800 करोड़ तक ही सीमित रखा. यह बहुत बड़ी उपलब्धि और खासियत है इस बजट की.
आंतरिक सिर्सोस को महत्व दिया
वित्त मंत्री ने कहा कि हमने बजट में अपने आंतरिक सिर्सोस को महत्व दिया है. ओड़िशा हमारे राज्य के प्राकृतिक संसाधनों में कोई बड़ा अंतर नहीं है. इसके बावजूद हमने अपना राजस्व बढ़ाया है. ओल्ड पेंशन स्कीम आने वाले वर्षों में बोझ न बन जाए, इसका ख्याल हमने बजट में रखते हुए पेंशन कोष का गठन कर दिया है. जिसमें सरकार 700 करोड़ देगी. ताकि 15 साल बाद जब पेंशन देने का समय आ जाए, तो कोई वित्तीय बोझ न बढ़े. बजट को लेकर सदस्य सरयू राय और सुदेश महतो के कई महत्वपूर्ण सुझाव आये हैं, सरकार इसका ख्याल रखेगी.
क्या कहा विपक्षी विधायकों ने
सरकार की नीतियां कानूनी अड़चनों में क्यों उलझ जा रही हैं : सुदेश महतो
आजसू विधायक सुदेश कुमार महतो ने बजट पर चर्चा के दौरान सरकार को सुझाव भी दिया. कहा कि सरकार ने कई योजनाएं शुरू की. मगर उन योजनाओं पर कितना काम हुआ. यह कौन देखेगा. सरकार ने घोषणा की थी कि पीएम आवास में राज्य सरकार की ओर से 50 हजार राशि दी जाएगी, ताकि अच्छा घर बन सके. क्या सरकार ने 50 हजार रुपये दिया. सरकार ने गरीबों के लिए दाल वितरण की घोषणा की थी. क्या दाल मिला. नियोजन और स्थानीय नीति यहां के लोगों की मूल आंकक्षा है. मगर सरकार अपने तीन साल के कार्यकाल में केवल इसमें पॉलिटिक्स की. परिणाम कुछ नहीं निकला. सरकार 3.50 लाख सरकारी नौकरी देने की बात करती है. इसमें 2.50 लाख नौकरी शिक्षकों की है. सरकारी स्कूल में एसटी-एससी और ओबीसी के बच्चे पढ़ते हैं. क्या सरकार खिचड़ी खिलाकर बच्चों को मैट्रिक और बाद में इंटर-बीए कराकर छोड़ देगी. इसके बाद उनका क्या होगा. आखिरकार सरकार कोई भी नीति बनाने से पहले संवैधानिक और विधि पक्ष क्यों नहीं देखती है. क्यों कानूनी अड़चनों में उलझ जाती है. उन्होंने कहा कि हमने झारखंड आंदोलन के दर्द को जीया है. जब भी जरूरत पड़ेगी, हम झारखंडी मुद्दे पर सरकार का साथ देंगे.
सरकार को शेर की सवारी करने से बचना चाहिए : सरयू राय
निर्दलीय विधायक सरयू राय ने कहा कि हम सरकार के बजट की बुराई नहीं कर रहे हैं. मगर कुछ ऐसे बिंदु हैं, जिस पर सरकार को ध्यान देने की जरूरत है. आखिरकार नागर विमानन विभाग और पीआरडी का बजटीय प्रावधान के पैसे 100 प्रतिशत से अधिक कैसे खर्च हो जाते हैं. जबकि अन्य विभागों के पैसे खर्च नहीं हो पाते हैं. जानकारी के अनुसार चालू वित्तीय वर्ष में पीआरडी के बजट का 111 प्रतिशत खर्च हो गया. उन्होंने सरकार को सुझाव देते हुए कहा कि करों के संग्रहण के लिए सरकार को एक विशेषज्ञों की समिति बनायी जानी चाहिए. कोई भी नीति संविधान के दायरे में रखकर बनायी जाए, ताकि उसे कोर्ट में चुनौती नहीं दी जा सके. मुख्यमंत्री को अधिक शेर की सवारी नहीं करनी चाहिए, क्योंकि अधिक शेर की सवारी अच्छी नहीं होती है.
महंगाई बढ़ी है, विधायकों का वेतन दिल्ली की तर्ज पर बढ़े- भानु
भाजपा विधायक भानु प्रताप शाही ने कहा कि महंगाई बढ़ गयी है. अब इतने कम वेतन में काम नहीं चलेगा. इसलिए सरकार दिल्ली की तर्ज पर विधायकों का वेतन बढ़ाये. हमें लगता है कि इस मांग का समर्थन सभी विधायक करेंगे. इस पर टिप्पणी करते हुए झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि आखिरकार भाजपा ने मान ली कि महंगाई बढ़ी है.
हजारीबाग में रामनवमी में डीजे नहीं बजाने और 107 धारा का मामला उठाया
भाजपा विधायक मनीष जायसवाल ने सदन में हजारीबाग में रामनवमी में धारा 107 के तहत नोटिस देने का मामला उठाया. उन्होंने कहा कि हजारीबाग का रामनवमी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फेमस है. मगर जिला प्रशासन ने वहां पर धारा 107 का 5000 को नोटिस दिया है. डीजे नहीं बजाने का फरमान दिया है. भगवान श्रीराम का जुलूस कैसे निकलेगा. सदन और स्पीकर इस पर संज्ञान लें और सरकार जवाब दे.
क्या कहा सत्ता पक्ष के विधायकों ने
यह तो गिद्धों जैसा आचरण है : सुदिव्य कुमार सोनू
झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि भाजपा विधायक अमित कुमार मंडल ने जो डाटा और फैक्ट रखे हैं, उसमें 60 प्रतिशत से अधिक गलत है. उन्होंने केंद्र सरकार के आवंटन पर कहा कि ग्रांट मिलना कोई बड़ी बात नहीं है. केंद्र कई महत्वपूर्ण योजनाओं का आवंटन नहीं कर रहा है. जिसमें मनरेगा भी एक है. कल तक 1932 का विरोधी रहे आज खतियान की बात करने लगे हैं. यह तो गिद्धों जैसा आचरण है. भाजपा ने आज तक नहीं बताया कि रमेश हांसदा कौन था, जिसने नियोजन नीति को कोर्ट में चुनौती दी. एक तरफ कोर्ट में चुनौती और दूसरी तरफ स्थानीय हितैषी की बात करना, वही बात हो गयी कि भूत भी अब राम-नाम जपना शुरू दिया है. हम चाहते तो हाईकोर्ट के निर्णय के विरुद्ध सुप्रीम कोर्ट जा सकते थे, मगर छात्रों ने कहा कि अगर सुप्रीम कोर्ट जाएंगे तो फिर चार से छह महीने बर्बाद हो जाएगा. इसलिए हमने नयी नीति पर काम शुरू दिया.
… तब यह सुझाव क्यों नहीं दिया: समीर मोहंती
झामुमो विधायक समीर मोहंती ने कहा कि सवाल दाग कर विपक्ष गायब हो गया. हमारे पास भी केंद्र सरकार के और पुरानी भाजपा सरकार की घोषणाओं और वादों की लंबी लिस्ट है. मगर अब ये लोग हैं नहीं तो किसे बताएं. उन्होंने सुदेश महतो की नसीहत पर कहा कि सुदेश महतो जी ने काफी अच्छा कहा. बहुत सारे सुझाव दिए. मगर सुदेश महतो जी आप भी राज्य में भाजपा के साथ मिलकर लंबे समय तक सत्ता में बने रहे. यह सुझाव आपने उस समय क्यों नहीं दिया. आपने झारखंड को नहीं बदला, मगर झारखंड ने आपको बदल दिया. इसलिए कहने और सुनने को बहुत कुछ है. जब भाजपा वाले कहने की हिम्मत रखते हैं, तो सुनने की भी हिम्मत रखनी चाहिए.
हमारी बात थाना प्रभारी, डीसी और बीडीओ नहीं सुनते : उमाशंकर अकेला
कांग्रेस विधायक उमाशंकर अकेला ने सदन में अपनी सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि विधायक की बात न थानेदार सुनता है, न ही डीसी और बीडीओ. सीओ वसूली करने में जुटा रहता है. भ्रष्टाचार चरम पर है. बरही की रानी चुआं पंचायत के कई गांवों में दलित और आदिवासियों के पास जमीन नहीं है. सरकार बरही में सर्वे कराकर भूमिहीनों को वन पट्टा देने का काम करे. कई गांव हैं , जहां पर बिजली, पानी और सड़क तक अब तक नहीं पहुंची है. अगर आजादी के बाद भी हमारे गांवों की यह दशा है तो हम किसके विकास की बात करते हैं.
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