- योग्य अभ्यर्थी नहीं मिलने का बहाना कर ST-SC कोटे की रिक्तियां रखी जाती है खाली, बाद में बैक डोर से जनरल कैटेगरी को मिलती है नौकरी
- विधानसभा में कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप, नमन विक्सल कोंगाड़ी, इरफान अंसारी ने उठाया मामला
- संसदीय कार्यमंत्री ने कहा- सरकार गंभीर, गड़बड़ियां सामने आने पर दोषी अफसरों पर होगी कार्रवाई
Ranchi: झारखंड विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन सदन में आरक्षित कोटे की नौकरियों को साजिश के तहत खाली छोड़ने और बैक डोर से उन सीटों को भरने का मामला उठा. कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप, इरफान अंसारी और नमन विक्सल कोंगाड़ी ने कहा कि एसटी-एससी के लिए आरक्षित कोटे की नौकरियों को साजिश के तहत अनारक्षित कोटे के अभ्यर्थियों को दिया जा रहा है. राजेश कच्छप ने कहा कि संविधान की धारा 16 (4) (बी) में प्रावधान है कि अगर किसी वर्ष आरक्षण कोटा नहीं भरता है, तो अगले साल की नियुक्ति में बैकलॉग को भरा जाएगा. अगले वर्ष अगर बैकलॉग 50 फीसदी से ज्यादा हो जाता है तो नियुक्ति अनिवार्य रूप से करना होगा. लेकिन कई विभाग यह कहकर आरक्षित कोटे के पद खाली छोड़ दे रहे हैं कि उन्हें योग्य अभ्यर्थी नहीं मिला. बैकलॉग से भी उन पदों पर नियुक्ति नहीं हो रही. धीरे-धीरे उन खाली पदों पर बैक डोर से बहाली की जा रही है. उन्होंने सरकार से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने और दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई करने की मांग की. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए मंत्री आलमगीर आलम ने कहा कि अगर विधायक ऐसा कोई विशेष मामला सामने लाते हैं, तो सरकार निश्चित रूप से कार्रवाई करेगी. दोषी अधिकारी दंडित किए जाएंगे.
2022-23 में मॉडल स्कूलों में हुए 3462 नामांकन
विधायक प्रदीप यादव ने सदन में मॉडल स्कूल का कॉन्सेप्ट फेल होने का मामला उठाया. कहा कि सरकार ने प्राइवेट इंग्लिश स्कूल की तर्ज पर 89 मॉडल स्कूल बनाया है, लेकिन आधारभूत संरचना के बावजूद योजना असफल हो रही हैं. वित्तीय वर्ष 2022-23 में राज्यभर के 81 मॉडल स्कूलों में एक भी छात्र ने नामांकन नहीं लिया है. कहा कि इन स्कूलों को ठीक करने के लिए सरकार दूसरे स्कूलों के शिक्षकों को वहां डेपुटेशन पर भेज रही है. ऐसे तो एक स्कूल को दुरुस्त करने के चक्कर में दूसरे स्कूल बर्बाद हा जाएंगे. इस पर सरकार की ओर से मंत्री जगन्नाथ महतो ने माना कि इन स्कूलों में एडमिशन अपेक्षा के मुताबिक कम है. शैक्षणिक सत्र 2022-23 में 89 मॉडल स्कूलों में 3462 छात्रों का नामांकन हुआ है, जबकि वर्तमान में मॉडल स्कूलों में बच्चों की संख्या 11037 है.
राष्ट्रगान का अपमान करने वाले अफसरों पर कार्रवाई की मांग
विधानसभा में सोमवार को हुए राष्ट्रगान के अपमान का मुद्दा मंगलवार को भी गूंजा. बीजेपी के सचेतक बिरंची नारायण ने कहा कि सोमवार को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण से पहले राष्ट्रगान के समय अधिकारी दीर्घा में आधा दर्जन अधिकारी बैठे थे. यह राष्ट्रगान का अपमान है. बीजेपी ने 10 विधायकों का हस्ताक्षर युक्त पत्र स्पीकर को भेजा. सीसीटीवी फुटेज से अधिकारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की.
पांकी घटना की जांच की मांग
बीजेपी विधायक कुशवाहा शशिभूषण मेहता ने सदन के अंदर पांकी में हुई सांप्रदायिक घटना का मामला उठाया. उन्होंने मामले की जांच करने की मांग सरकार से की. उन्होंने कहा की आखिर मस्जिद के अंदर पत्थर और पेट्रोल बम कैसे आए. स्पीकर ने संसदीय कार्यमंत्री से मामले पर जवाब देने को कहा. मंत्री ने कहा कि सरकार ने इस पर संज्ञान ले लिया है.
रिपोर्ट आते ही निर्णय लेगी सरकार
विधायक जेपी पटेल ने वित्तरहित स्कूलों का अनुदान बढ़ाने की मांग की. इस पर सरकार की ओर से जवाब देते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि पूर्व की सरकार ने अनुदानित स्कूलों को राशि देना बंद कर दिया था. हेमंत सरकार ने इसमें वृद्धि की है. उन्होंने कहा कि सरकार ने एक कमेटी भी बनाई है. रिपोर्ट आने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
आंगनबाड़ी केंद्रों को मिलनी शुरू हो गई है राशि
विधायक अनंत ओझा ने आंगनबाड़ी केंद्रों को पोषाहार के लिए राशि नहीं मिलने का मामला सदन में उठाया. उन्होंने कहा कि राज्य के 38481 आंगनबाड़ी केंद्रों पर जुलाई 2022 से पोषाहार की राशि नहीं उपलब्ध होने से 3 से 6 साल के 15.21 लाख बच्चे और गर्भवती महिलाएं कुपोषण से जूझ रही हैं. इस पर मंत्री जोबा मांझी ने बताया कि केंद्र से फंड नहीं मिलने के वजह से राशि देने में थोड़ी देर हुई है, लेकिन केंद्रांश आने के बाद सभी जिलों को धीरे-धीरे राशि आवंटित की जा रही है.
प्रस्ताव राज्य से नहीं केंद्र से हुआ है खारिज
विधायक भानु प्रताप शाही ने भवनाथपुर में प्रस्तावित इंटीग्रेटेड मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर को बोकारो ट्रांसफर करने के मामले को उठाया. कहा कि इसकी स्थापना के लिए भवनाथपुर माइंस को लीज क्षेत्र चिन्हित किया गया था, लेकिन राजनीति के तहत इसे बोकारो शिफ्ट कराया जा रहा है. ऐसे तो गढ़वा जिले में कभी कुछ नहीं खुलेगा. इस पर मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि भवनाथपुर में क्लस्टर स्थापना का प्रस्ताव राज्य से नहीं बल्कि केंद्र से खारिज हुआ है.
बिना हंगामे के चला प्रश्नकाल
झारखंड विधानसभा में लंबे समय बाद प्रश्नकाल बिना हंगामे के सुचारू रूप से चला. सत्ता पक्ष और विपक्ष का सहयोग मिलने के कारण स्पीकर लगभग सभी अल्पसूचित, तारांकित और ध्यानकर्षण के सवाल ले सके और उस पर सरकार की ओर से जवाब भी आया.
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