NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने आज सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत बनाये जा रहे नये संसद भवन के ऊपर लगे अशोक स्तंभ के खिलाफ दाखिल याचिका खारिज कर दी. बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में कहा गया था कि संसद भवन में राष्ट्रीय प्रतीक के शेर, सारनाथ म्यूजियम में संरक्षित रखे गये राष्ट्रीय चिन्ह के गम्भीर शांत शेरों की तुलना में कहीं ज्यादा क्रूर दिख रहे हैं.
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नये भवन के ऊपर लगे शेर पहले से ज्यादा क्रूर नजर आ रहे हैं
आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस कृष्ण मुरारी की बेंच ने इस मामले को सुना. याचिकाकर्ता के वकील अलदानिश रेन ने दलील दी कि संसद के नये भवन के ऊपर लगे शेर पहले से ज्यादा क्रूर नजर आ रहे हैं. याचिका में तर्क दिया गया था कि इसके ऊपर देवनागरी में सत्यमेव जयते भी नहीं लिखा हुआ है.
याचिकाकर्ता की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि शेर का ज्यादा क्रूर नजर आना व्यक्ति विशेष के दिमाग पर निर्भर करता है. कहा कि यह कहीं से भी भारतीय राष्ट्रीय चिन्ह (दुरुपयोग की रोकथाम) एक्ट का उल्लंघन नहीं है.
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अशोक स्तंभ को लेकर विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाया था
अशोक स्तंभ को लेकर विपक्षी दलों ने मुद्दा बनाया था. इसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पूजापाठ के साथ किया था. जान लें कि एआईएमआईएस चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने आरोप लगाया था कि पीएम मोदी के साथ लोकसभा अध्यक्ष भी मौजूद थे. चूंकि संसद भवन के नए परिसर का निर्माण हो रहा है ऐसे में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को इसका उद्घाटन करना चाहिए था.
ओरिजिनल स्तंभ के शेर शांत मुद्रा में हैं
साथ ही विपक्ष द्वारा यह भी आरोप लगाया जा रहा था कि राष्ट्रीय प्रतीक में फेरबदल किया गया है. अशोक स्तंभ के शेर सारनाथ में स्थित स्तंभ से अलग हैं. यह भी बता दें कि विपक्षी नेताओं ने आरोप लगाया था कि संस की छत पर स्थापित राष्ट्रीय प्रतीक के शेर आक्रामक मुद्रा में नजर आते हैं जबकि ओरिजिनल स्तंभ के शेर शांत मुद्रा में हैं.
राष्ट्रीय प्रतीक अशोक स्तंभ ब्रॉन्ज से बना है
बता दें कि संसद के नये भवन में लगा अशोक स्तंभ राष्ट्रीय प्रतीक ब्रॉन्ज से बना है. इस स्तंभ का वजन 9500 किलो है. उसकी लंबाई 6.5 मीटर है. यह अशोक स्तंभ जमीन से 108 फीट ऊंचा है. 100 से ज्यादा कारीगरों ने इसे करीब 9 माह में तैयार किया है. केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की सलाह पर ब्रॉन्ज मेटल से बने राष्ट्रीय प्रतीक का शुरुआती कॉन्सेप्ट डिजाइन अहमदाबाद के हसमुख सी पटेल ने तैयार किया था.