बीपीओ का दावा, मुखिया और पंचायत सचिव को भेजा गया है पत्र
Pramod Upadhyay
Hazaribagh : केंद्र और राज्य सरकार के सहयोग से हजारीबाग जिले में शुरू की गई बिरसा सिंचाई कूप संवर्द्धन योजना इन दिनों सुर्खियों में है. दरअसल प्रथम चरण में अप्रैल में ही इस योजना के लाभुकों का चयन कर सूची जारी करनी थी, लेकिन अब तक उन्हें चिह्नित नहीं किया गया. मामला इचाक प्रखंड से जुड़ा है. इचाक के 19 पंचायतों में 50 कूप निर्माण का लक्ष्य निर्धारित है. इसके तहत लाभुकों का चयन कर सूची जारी करनी थी. अप्रैल गुजर जाने के बाद भी प्रथम चरण के लाभुकों की सूची जारी नहीं की गई. विभिन्न पंचायतों के मुखिया का कहना है कि इस संबंध में उन्हें कोई जानकारी प्रखंड मुख्यालय से उपलब्ध नहीं कराई गई है. वहीं बीपीओ दावा कर रहे हैं कि मुखिया और पंचायत सचिव को पत्र भेजा जा चुका है. ऐसे में एक-दूसरे पर दोषारोपण कर अपनी जिम्मेवारी से पदाधिकारी व सरकारी कर्मी और पंचायत जनप्रतिनिधि मुकर रहे हैं. इस वजह से लाभुकों को नुकसान झेलना पड़ रहा है. उन्हें वक्त पर कूप नहीं मिल पा रहा है और सिंचाई के साधन से वंचित रहना पड़ रहा है. लाभुकों को फिक्र इस बात की है कि गर्मी के बाद बरसात आने पर कूप निर्माण का काम बंद हो जाएगा.
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10 दिन पहले जिला से मिला पत्र : बीपीओ
इस संबंध में इचाक प्रखंड के बीपीओ राजीव कुमार ने बताया कि 10 दिन पहले जिला से पत्र मिला है. उसके बाद सभी मुखिया, जेई, पंचायत सचिव और रोजगार सेवकों को पत्र भेजकर जानकारी दी गई है. उसमें बताया गया है कि लक्ष्य के अनुरूप कूप निर्माण के लिए किसानों को चिह्नित करना है. उन्होंने बताया कि प्राथमिकता के तौर पर यह कूप उसी को देना है, जो पहले बागवानी कर चुके हैं.
कूप निर्माण का क्या है प्रावधान
यह कूप निर्माण केंद्र से मनरेगा और सरकार द्वारा दी गई राशि से होना है. इसमें केंद्र से 3.50 लाख और राज्य से 50 हजार की राशि देने का प्रावधान है. कुएं की खुदाई के बाद मुंडेर बांधने के वक्त 50 रुपए दिए जाएंगे. बाकी की रकम मनरेगा के तहत मजदूरों के खाते में भेजा जाएगा.
कई पंचायतों में नहीं की गई है बागवानी
इचाक के कई पंचायतों गोबरबंदा, परासी, करियातपुर आदि में बागवानी नहीं की गई है. इन पंचायतों में कम जमीन रहने की वजह से बागवानी नहीं की जा सकी. ऐसे में यहां के किसानों का कहना है कि उन्हें भी कूप मुहैया कराई जाए. भले ही उन्होंने बागवानी नहीं की, पर सिंचाई के लिए उन्हें भी कूप की जरूरत है.
पत्र नहीं मिला, तो किस आधार पर चुनें लाभुक : सत्येंद्र मेहता
इचाक मुखिया संघ के अध्यक्ष सत्येंद्र मेहता ने कहा कि सरकार की ओर से जारी पत्र किसी मुखिया को नहीं मिला है. ऐसे में किस आधार पर लाभुक का चयन करें. अगर पत्र मिलता, तो अब तक किसान चिह्नित किए जा चुके होते.
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