Ranchi : रांची नगर निगम बोर्ड की 16 सितंबर को होने वाली बैठक को लेकर मेयर और डिप्टी मेयर में तकरार बढ़ गई है. मेयर ने बैठक के लिए 14 एजेंडे का चयन किया है, जिसमें डिप्टी मेयर के एजेंडे को दरकिनार कर दिया है. बैठक की फाइल में अपना एजेंडा ना होने पर डिप्टी मेयर ने विरोध जताया है और बैठक में शामिल नहीं होने की भी बात कही है. बीते दिन बोर्ड की बैठक को लेकर पार्षदों ने निगम कार्यालय के पास धरना दिया था, जिसके बाद मेयर ने एजेंडा तय करते हुए बैठक की फाइल बढ़ा दी है.
निगम में जीते हुए प्रतिनिधि का कोई मोल नहीं – डिप्टी मेयर
डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय ने कहा कि पिछले 2 साल से नगर निगम में बोर्ड की बैठक नहीं हो रही है. बोर्ड की बैठक बुलाना अति आवश्यक है. मगर बोर्ड की बैठक में चयनित एजेंडों को नहीं लाया जा रहा है. निगम में जीते हुए प्रतिनिधि का कोई मोल नहीं है. मैं ऐसी बैठक में शामिल नहीं हो पाऊंगा.
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ऐसी बैठक का कोई मतलब नहीं- वार्ड पार्षद अरुण झा
वार्ड पार्षद अरुण झा ने कहा कि परिषद की बैठक से पहले एजेंडे का दरकिनार किया जाना कहीं ना कहीं परिषद के निर्णय लेने के अधिकार काटे जाने के बराबर है. जब परिषद का अधिकार ही नहीं रहेगा, तो ऐसी बैठक का कोई मतलब नहीं होता है. क्योंकि परिषद के सभी सम्मानित सदस्य कहीं ना कहीं के प्रतिनिधि होते हैं. जनहित में ही एजेंडा उठाने का काम किया जाता है. अतः सभी के द्वारा लाया गया एजेंडा सम्मानजनक है और उस पर निगम परिषद में चर्चा के बाद जनहित में निर्णय लेना चाहिए.
मेयर और निगम प्रशासन मनमानी कर रहे – वार्ड पार्षद ओमप्रकाश
वार्ड पार्षद ओमप्रकाश ने कहा कि बोर्ड की बैठक के लिए जनप्रतिनिधि एजेंडा दे सकता है. उस एजेंडे को शामिल करना चाहिए. यह नियम के तहत है. एजेंडा को ना शामिल करना जनता के साथ गलत करना होगा. मेयर और निगम प्रशासन अपनी मनमानी कर रहे हैं, जिसका हम विरोध करते हैं. इस बीच मेयर ने इस मसले पर प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया.
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