Kolkata : ममता बनर्जी BSF को बॉर्डर के 50 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई के अधिकार देने से शुरू से ही नाराज हैं. इसका नजारा आज शनिवार को कोलकाता के हावड़ा में ईस्टर्न जोनल काउंसलिंग की बैठक में दिखा. खबर है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और BSF अधिकारियों के बीच यहां बहस हो गयी मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इस दौरान गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे. ममता का कहना था कि BSF को बॉर्डर के 50 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई का अधिकार देने से आम लोगों को परेशानी हो रही है.
जान लें कि केंद्र सरकार ने अक्टूबर 2021 में नया कानून लाकर BSF को इंटरनेशनल बॉर्डर से 50 किलोमीटर तक अंदर के इलाके में कार्रवाई करने का अधिकार दिया है. इसके लिए मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट की जरूरत नहीं है. इससे पहले BSF सिर्फ 15 किमी अंदर तक ही कार्रवाई कर सकती थी. ममता इसी बदलाव से नाराज हैं. उनका कहना है कि इससे आम लोग परेशान हो रहे हैं. आरोप लगाया कि BSF के पास ज्यादा पॉवर है, जो आम जन और अफसरों के बीच तालमेल नहीं बनने देता.
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BSF वाले गांवों में घुसकर लोगों को मार रहे हैं
ममता बनर्जी ने मई 2022 में कहा था कि BSF वाले गांवों में घुसकर लोगों को मार रहे हैं और बांग्लादेश में फेंक दे रहे हैं. आरोप लगाया था कि BSF इंटरनेशनल बॉर्डर के उस पार गायों की तस्करी कराती है और लोगों की हत्या कर उनके शव बांग्लादेश में फेंक देती है, लेकिन उसका इल्जाम बंगाल पुलिस पर आता है. इसलिए मैंने राज्य पुलिस को कहा है कि वे BSF को रोकें. बता दें कि पिछले दिसंबर में पश्चिम बंगाल विधानसभा ने BSF के अधिकार क्षेत्र का दायरा बढ़ाये जाने के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया था.
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अक्टूबर 2021 में बढ़ा था BSF का अधिकार क्षेत्र
BSF एक्ट में बदलाव करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान और बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (BSF) का अधिकार क्षेत्र बढ़ा दिया था. इसके बाद BSF अधिकारियों को पश्चिम बंगाल, जाब और असम में देश की सीमा से लगे 50 किलोमीटर तक के इलाके में तलाशी, गिरफ्तारी और जब्ती की अनुमति मिल गयी.
देश के 12 राज्यों पर केंद्र सरकार के फैसले का असर
BSF एक्ट 1968 की धारा 139 (1) के तहत प्रावधानों के आधार पर केंद्रीय गृह मंत्रालय के फैसले का असर देश के 12 राज्यों पर पड़ा. इनमें गुजरात, पंजाब, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, असम, मणिपुर, मिजोरम, त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय, केंद्रशासित जम्मू-कश्मीर और लद्दाख शामिल हैं.
इन 12 राज्यों में से राज्य असम, पश्चिम बंगाल और पंजाब में BSF का अधिकार क्षेत्र पहले के मुकाबले बहुत ज्यादा बढ़ गया है. इन राज्यों में पहले BSF बॉर्डर से 15 किलोमीटर अंदर तक कार्रवाई कर सकती थी. अब वह 50 किलोमीटर तक बिना मजिस्ट्रेट के आदेश या वारंट के कार्रवाई कर सकेगी.