Ranchi: राज्य में प्रवासी मजदूरों सहित ग्रामीण क्षेत्र के कामगारों को मनरेगा योजना से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है. खेती किसानी के समय में प्रतिदिन 4 लाख मजदूर मनरेगा योजना में काम कर रहे हैं. राज्य में मनरेगा योजना के तहत 90 हजार से अधिक योजनाओं पर काम किया जा रहा है. झारखण्ड में कुल निबंधित 32.82 लाख परिवारों में कुल 42.47 लाख सक्रिय मजदूर हैं. साथ ही करीब 8 लाख प्रवासी मजदूरों के लौटने से इस कार्यबल में और वृद्धि हुई है. पिछले दो वर्षो के आंकड़ों पर गौर करें तो खेती किसानी के मौसम में इस वर्ष काम करने वाले मजदूरों की संख्या में वृद्धि हुई है.
2020-21 में मजदूरों की संख्या- योजना के तहत वित्तीय 2020-21 के अप्रैल में 2416268, करोड़, मई में 9169499 करोड़, जून में 14030739 करोड़, जुलाई में 9466666 करोड़, कुल 35083172 करोड़ मानव दिवस सृजत हुआ. वहीं वित्तीय वर्ष 2021-22 में अप्रैल में 16432106, मई में 14768236, जून में 11757469, जुलाई में 2303086 कुल 45200897 मानव दिवस का सृजन किया गया है.
मानवदिवस के सृजन में वित्तीय वर्ष 2020-21 में पूरे राज्य में कुल 3.5 करोड़ मानवदिवस का सृजन किया गया था. वहीं इस वित्तीय वर्ष 2021-22 में अब तक पूरे राज्य में कुल 4.52 करोड़ मानवदिवस का सृजन किया गया जिसमें से माह 19 जुलाई तक 452 लाख मानव दिवस का सृजन किया जा चुका है.
क्या कहती हैं मनरेगा आयुक्त राजेश्वरी बी
कोरोना संक्रमण के इस चुनौतीपूर्ण समय में किसानों एवं प्रवासी मजदूरों को आजीविका से जोड़ना राज्य सरकार की प्रतिबद्धता है. अधिक से अधिक लोगों को मनरेगा योजना का लाभ मिले यह हमारा प्रयास है. नीलाम्बर-पीताम्बर जल समृद्धि योजना के माध्यम से बंजर भूमि को उपजाऊ भूमि में तब्दील कर रोजगार सृजन करने के उद्देश्य को पूरा करने के लिए विभाग प्रतिबद्धता के साथ पूरे राज्य में कार्य कर रही है.
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