ब्रांज लेकर लौटी महिला खिलाड़ियों ने आयोजन समिति पर भी लगाया कुव्यवस्था का आरोप
Gaurav Prakash
Hazaribagh : दिल्ली छत्रसाल स्टेडियम में आयोजित 66वें नेशनल स्कूल गेम्स में आयोजित प्रतियोगिता के दौरान खिलाड़ियों के लिए उचित भोजन की व्यवस्था नहीं की गई थी. ऐसे में प्रतियोगिता में भाग लेने गईं महिला खिलाड़ियों की सेहत खराब हो गई. वे बीमार पड़ गईं और उन्हें अस्पताल में भर्ती भी होना पड़ा. इससे उनके खेल पर असर पड़ा और गोल्ड की जगह ब्रांज मेडल से ही संतोष करना पड़ा. यह पीड़ा दिल्ली से लौट कर आयीं ताइक्वांडो खिलाड़ी सौम्या ऐकत और विनीता पाराशर ने गुरुवार को ‘शुभम संदेश’ संग साझा की. उन्होंने बताया कि छह जून को सभी खिलाड़ियों को रिपोर्टिंग करनी थी. लेकिन झारखंड सरकार ने एक जून को ही खिलाड़ियों को दिल्ली भेज दिया. इस कारण भी सभी खिलाड़ियों को परेशानी हुई. मिसमैनेजमेंट के कारण खिलाड़ियों को भारी आफत का सामना करना पड़ा. खाना खराब होने के कारण विनीता की तबीयत खराब हो गई. उसे औनको प्लस अस्पताल में भर्ती करवाना पड़ा. उन्होंने बताया कि इलाज के दौरान जो भी खर्च हुआ, वह विभाग ने किया. वहीं सौम्या की तबीयत खराब होने पर उसे स्टेडियम के ही रेस्ट रूम में इलाज कराया. सौम्या का यह भी कहना है कि तबीयत खराब होने के कारण गोल्ड मेडल लाने से चूक गई और ब्रांज मेडल तक ही सीमित होना पड़ा. विनीता को भी ब्रांज मेडल से ही संतोष करना पड़ा. उन्होंने ‘शुभम संदेश’ को बताया कि अगर अच्छा इंतजाम होता, तो वे लोग झारखंड के लिए इससे अच्छा कर पातीं. वहीं बंटी कुमार भी उचित व्यवस्था नहीं मिलने के कारण बीमार पड़ गया और कमजोरी के कारण मेडल नहीं ले पाया.
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भोजन में मिलता था कच्चा चावल, रात में खाने लायक नहीं थीं रोटियां
खिलाड़ियों ने कहा कि कच्चा चावल के साथ दाल और सब्जियां मिलती थी. रात में रोटी खाने के लायक नहीं रहती थी. हरी सब्जी के नाम पर कुछ भी नहीं, बस खाने में पनीर दिया जाता था.
पैसे देकर बस में बैठा दिया, पूछने पर संघ को ब्लैक लिस्टेड करने की मिली धमकी
खिलाड़ियों ने यह भी जानकारी दी कि दिल्ली से रांची आने के बाद बस में पैसे देकर बैठा दिया गया और कहा गया कि आप अपने-अपने घर चले जाएं. जब खिलाड़ियों ने कहा कि हमारे माता-पिता इजाजत नहीं दे रहे हैं, तो कहा गया कि हजारीबाग ताइक्वांडो संघ को ब्लैक लिस्टेड कर दिया जाएगा. तब खिलाड़ी भय के कारण गाड़ी में बैठ गईं.
साथ में कोच को जाने की नहीं मिली इजाजत
वहीं उनके कोच रोशन कुमार चौहान ने बताया कि कोच को जाने की इजाजत नहीं दी गई थी. झारखंड सरकार ने स्कूल के फिजिकल टीचर को ही कोच बनाकर भेजा था. ऐसे में खिलाड़ियों को सही मार्गदर्शन नहीं मिल पाया. आलम यह रहा कि उधर लोगों की शिकायत झारखंड ओलंपिक संघ से भी की गई कि दो अनाधिकृत लोग टीम के साथ गए हैं. उन्होंने कहा कि अगर कोच साथ में रहते, तो यह दुर्दशा नहीं होती और खिलाड़ी भी ठीक रहते.
प्रतियोगिता में हजारीबाग से भेजे गए थे ताइक्वांडो के पांच खिलाड़ी
दिल्ली छत्रसाल स्टेडियम में 6 जून से 12 जून तक 66 वें नेशनल स्कूल गेम्स का आयोजन किया गया था. इसमें झारखंड सरकार के शिक्षा विभाग एवं खेल विभाग ने हजारीबाग जिले से ताइक्वांडो के पांच खिलाड़ियों को वहां भेजा था. इसमें 63 केजी में विनीता पराशर और सौम्या ऐकत ने 44 केजी में कांस्य पदक प्राप्त कर झारखंड राज्य सहित अपने शहर हजारीबाग का नाम रोशन किया. वहीं हजारीबाग के आलोक रंजन और बंटी कुमार ने भी अपना अच्छा प्रदर्शन किया. हालांकि इस बार कोई पदक प्राप्त नहीं कर सकें.
नेशनल और स्टेट लेवल पर ले चुकी हैं गोल्ड
विनीता और सौम्या इसी खेल में अपना करियर बनाना चाहती हैं. विनीता हाल में कोटा में हुए राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल ला चुकी है. वहीं सौम्या पांच बार राज्य में गोल्ड और एक बार राष्ट्रीय स्तर में भी गोल्ड लाकर हजारीबाग का नाम रोशन कर चुकी हैं.
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