Ranchi : जेल में बंद दुष्कर्म के आरोपी सहरुद्दीन अंसारी की शनिवार को इलाज के दौरान रिम्स में मौत हो गयी. सहरुद्दीन अंसारी का पोस्टमार्टम आज रिम्स में मजिस्ट्रेट की निगरानी में होगा. साथ ही पूरे पोस्टमार्टम प्रक्रिया की वीडियोग्राफी भी की जायेगी. बता दें कि बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा के अधीक्षक ने रिम्स अधीक्षक को पत्र लिखकर मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमार्टम कराने का अनुरोध किया था. साथ ही पूरे पोस्टमार्टम की प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का आग्रह किया था. जिसके बाद आज रिम्स में मजिस्ट्रेट की निगरानी में सहरुद्दीन अंसारी का पोस्टमार्टम हो रहा है.
इसे भी पढ़ें : रांची : दुष्कर्म के आरोपी की रिम्स में इलाज के दौरान मौत
तबीयत बिगड़ने के बाद रिम्स में कराया गया था भर्ती
गौरतलब है कि 31 अगस्त से 5 सितंबर तक कारा चिकित्सक की देखरेख में सहरुद्दीन का इलाज किया जा रहा था. वहीं 6 सितंबर से 8 सितंबर तक उक्त बंदी का इलाज कारा अस्पताल में किया गया. वहीं ज्यादा तबीयत खराब होने के बाद कारा चिकित्सकों की अनुशंसा पर उसे रिम्स में भर्ती कराया गया. जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी.
इसे भी पढ़ें : रांची: एक घंटे के भीतर घायल की मदद करने पर 5 हजार रूपये का इनाम
मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण हुई मौत : डॉ राजीव रंजन
रिम्स के जनसंपर्क अधिकारी डॉ राजीव रंजन ने कहा कि सहरुद्दीन की मौत मल्टी ऑर्गन फेलियर के कारण हुई है. हालांकि पोस्टमार्टम के बाद मौत की वजह स्पष्ट हो जायेगी. डॉ राजीव ने बताया कि सहरुद्दीन को गंभीर अवस्था में रिम्स में भर्ती किया गया था. उसका यूरिया लेवल बढ़ा हुआ था. जिस कारण नेफ्रोलॉजी के डॉक्टर को भी इलाज के लिए बुलाया गया था. साथ ही मल द्वार से रक्त का रिसाव हो रहा था.
इसे भी पढ़ें : झारखंड चैंबर चुनाव: दूसरे दिन का मतदान जारी, रात 9 बजे आएगा रिजल्ट
थाना प्रभारी ने बेरहमी से पीटा-रबुल अंसारी
वहीं मृतक के पिता रबुल अंसारी का आरोप है कि नरकोपी थाना प्रभारी विजय मंडल ने पुलिस कस्टडी में सहरुद्दीन के साथ मारपीट की. पुलिस ने उसे बेरहमी से पीटा, जिससे सहरुद्दीन की मौत हो गयी. सहरुद्दीन के शरीर पर जख्म के निशान थे. पिता रबुल अंसारी ने कहा कि पुलिसिया जुल्म के कारण आज मेरा बेटा नहीं बच पाया. उन्होंने कहा कि सरकार मुआवजा के साथ आश्रित के परिवार के एक सदस्य को नौकरी दे. साथ ही मारपीट करने वाले लोगों पर कार्रवाई करे.
इसे भी पढ़ें : रांची हिंसा मामला : चार माह बाद भी मुख्य साजिशकर्ता की नहीं हो पायी गिरफ्तारी