Ranchi : सरकार की विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में उप विकास आयुक्त अर्थात डीडीसी की भूमिका अहम होती है. उप विकास आयुक्त पर मनरेगा से लेकर पंचायत एवं अन्य विकास योजनाओं को धरातल पर उतारने का दायित्व होता है. लेकिन राज्य के 3 जिलों में उप विकास आयुक्त का पद रिक्त होने के बाद भरा नहीं गया है. जिसके कारण विकास योजनाएं प्रभावित हो रही हैं. राज्य के पूर्वी सिंहभूम, गढ़वा और पाकुड़ जिले में डीडीसी के पद रिक्त हैं. 31 जनवरी को पश्चिम सिंहभूम एवं गढ़वा के उप विकास आयुक्त सेवानिवृत्त हो गये. इसके बाद से तीनों जिले के उप विकास आयुक्त का पद रिक्त है.
क्या कहते हैं मंत्री आलमगीर आलम
राज्य में अधिकारियों की कमी है. तीन जिले के उप विकास आयुक्त 31 जनवरी को सेवानिवृत्त हुए हैं. जल्द ही सरकार की ओर से उप विकास आयुक्ति का पदस्थापन किया जायेगा.
सीमावर्ती क्षेत्र हैं तीनों जिले
गढ़वा जिला उत्तर में सोन नदी से घिरा हुआ है. दक्षिण में पलामू जिला और छत्तीसगढ़ है, तो पूर्व में पलामू जिला और पश्चिम में उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिला एवं छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिला की सीमा गढवा जिला से मिलती है. गढ़वा जिले में 20 प्रखंड एवं तीन अनुमंडल हैं.
पूर्वी सिंहभूम जिले में ग्यारह ब्लॉक हैं. जिनमें गोलमुरी-कम-जुगसलाई (जमशेदपुर), पोटका, पटमदा और बोडाम धालभूम सब-डिवीजन में और घाटशिला सब-डिविजन में घाटशिला, मुसाबनी, डुमरिया, बहरागोड़ा, धालभूमगढ़, चाकुलिया और गुड़ाबांधा शामिल हैं. जिले में 231 पंचायत और लगभग 1810 राजस्व गांव हैं.
पाकुड़ जिला के पूर्व में 6 प्रखंड हैं. जिला की सीमा पूरब में मुर्शिदाबाद और बिरभूम (पश्चिम बंगाल), पश्चिम में गोड्डा, उत्तर में साहिबगंज और दक्षिण में बिरभूम जिला की सीमा सटी है. इलाके से बड़ी संख्या में ग्रामीण रोजगार के लिए पलायन करते हैं.
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