Jamshedpur (Ashok Kumar) : टाटानगर रेलवे स्टेशन से पुरी जाने वाले रेल यात्रियों के लिये रेलवे की ओर से एक दशक पहले शार्टकट रेलवे लाइन बिछाने की प्रक्रिया शुरू की गयी थी. भारी विरोध के कारण तब रेलवे की ओर से इस अभियान को रोक दिया गया था. इस काम में बार-बार पेंच फंस रहा है. रेलवे अपने स्तर से प्रक्रिया शुरू करती है, लेकिन काम आगे नहीं बढ़ पाता है. इस काम में सबसे बड़ा बाधक रेलवे लाइन किनारे बने अवैध मकान हैं. इसे भी हटाने की योजना रेलवे की ओर से बनायी जाती है, लेकिन अमली जामा पहना पाने में वे सफल नहीं हो पाते हैं.
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हल्दीपोखर होकर बनेगा पुरी का रेलमार्ग
टाटानगर से पुरी जाने के लिये हल्दीपोखर स्टेशन से होकर नया रेलमार्ग बनाने की योजना है. इसको लेकर सर्वे का काम दो दशक पहले ही पूरा हो चुका है. जब रेल जीएम बीएन गर्ग हुआ करते थे. तब ही शुरूआती दौर में इस तरह की पहल शुरू की गयी थी. जांच में यह बात सामने आयी थी कि हल्दीपोखर होकर अगर पुरी जाते हैं तो समय काफी कम लगेगा. नयी रेल जीएम अर्चना जोशी भी हल्दीपोखर स्टेशन पूर्व में जा चुकी है. इधर सीनियर डीसीएम मनीष कुमार पाठक का कहना है कि उनके पास अभी तक किसी तरह का आदेश नहीं आया है. आदेश आने पर पहल की जायेगी.
टाटा-बादामपहाड़ रेलखंड का हो चुका है विद्युतीकरण
टाटा-बादामपहाड़ रेलखंड का 9 माह पहले ही विद्युतीकरण का काम पूरा कर लिया गया है. इसके पहले पर रेलखंड पर यात्री ट्रेनें डीजल इंजन से चला करती थी. विद्युतीकरण का काम पूरा होने से टाटा-बादामपहाड़ पैसेंजर ट्रेन अपने निर्धारित समय पर ही चला करती है. रेल यात्रियों को ट्रेन को लेकर किसी तरह की अब शिकायत भी नहीं रहती है.
करनडीह रेलवे फाटक पर थम गया था अभियान
एक दशक पहले जब रेलवे की ओर से कब्जा हटाओ अभियान का काम करनडीह रेलवे फाटक के पास शुरू कराया गया था, तब भू-राजस्वमंत्री दुलाल भुइयां हुआ करते थे. उन्होंने ही इस अभियान पर रोक लगवा दिया था और पूर्व के रेलवे एरिया मैनेजर को अपने आवास पर बातचीत करने के लिये बुलाया था. यह अभियान इस कारण से थम गया था क्योंकि अवैध कब्जा हटाने का काम रेलवे की ओर से शुरू कराया गया था. उस दिन मजिस्ट्रेट के रूप में बी महेश्वरी मौके पर मौजूद थे. अंत में रेलवे की ओर से यह कहकर अभियान को रोक दिया गया था कि राज्य सरकार की ओर से सहयोग नहीं किया जा रहा है.
2019 में भी शुरू की गयी थी प्रक्रिया
टाटा-पुरी रेलखंड की दिशा में 2019 में भी रेलवे की ओर से प्रक्रियायें शुरू की गयी थी. तब टाटानगर के एडीइएन वन संजय कुमार ने कहा था कि बादामपहाड़ के बीच रूट दोहरीकरण किया जेने का कार्य प्रस्तावित है. ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन को लेकर रेलवे तत्पर है. तब परसुडीह ग्वालापट्टी में रहने वाले लोगों को रेलवे की ओर से नोटिस भी भेजा गया था. अब सबकुछ खटाई में पड़ गयी है.
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