- रामगढ़ विस उपचुनाव : आजसू प्रमुख ने किया गोला प्रखंड में किया जनसंपर्क
- जो राजा अपनी जन्मस्थली का विकास नहीं कर सका, वह राज्य का विकास क्या करेगा
- सीएम तीन साल से नौकरी की दुकान चला रहे हैं
- विकास के सभी मानकों में पीछे हो गया है झारखंड
Ramgarh : रामगढ़ विधानसभा उपचुनाव को लेकर जनसंपर्क के दौरान आजसू प्रमुख सुदेश कुमार महतो ने कहा कि एनडीए जनता के चूल्हा तक पहुंच गया, लेकिन महागठबंधन लोगों के चौखट तक भी नहीं पहुंच पाया. चूल्हा प्रमुख के कॉन्सेप्ट को समझना झामुमो-कांग्रेस के बस की बात नहीं. जनता से चुनावी रिश्ते बनाने वाली पार्टियों को आम जनमानस के सुख-दुःख से कोई लेना- देना नहीं है. इसलिए ये चूल्हा प्रमुख और इसके व्यापक मकसद को समझ नहीं पाए और इससे डरे हुए हैं. कहा कि महागठबंधन सरकार के तीन वर्षों के कार्यकाल में राज्य में कितना विकास हुआ, इसका आकलन उनकी वर्तमान सीएम की जन्मस्थली आकर किया जा सकता है. आज भी मुख्यमंत्री के गांव में बिजली, पानी, सड़क, स्वास्थ्य एवं शिक्षा की व्यवस्था बदतर है. जो राजा अपनी जन्मस्थली का विकास नहीं कर सका, वह राज्य का विकास क्या करेगा.
दिन में झूठ और रात में लूट यही महागठबंधन की विचारधारा
गोला प्रखंड के विभिन्न गांवों में जनसंपर्क के दौरान सुदेश महतो ने कहा कि हेमंत सरकार में चारों तरफ अराजकता है. बिना घूस कोई काम नहीं होता. दिन में झूठ और रात में लूट यही महागठबंधन की विचारधारा है. तीन वर्षों से मुख्यमंत्री नौकरी की दुकान चला रहे हैं. कहा कि यह उपचुनाव सिर्फ विधासनभा क्षेत्र तक सीमित नहीं है. यह उपचुनाव झारखंड की दिशा एवं दशा तय करेगा. महागठबंधन के तीन वर्षों के कार्यकाल से आम जनता त्रस्त है. युवाओं में व्याप्त निराशा भी साफ-साफ झलक रही है. सड़क और संघर्ष के अलावा युवाओं के पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बचा है.
हमने रामगढ़ को नई पहचान दी- चंद्रप्रकाश चौधरी
इधर आजसू पार्टी के वरीय उपाध्यक्ष एवं गिरिडीह सांसद चंद्रप्रकाश चौधरी डोर टू डोर कैंपेन कर एनडीए प्रत्याशी सुनिता चौधरी के पक्ष में जनता से वोट करने की अपील कर रहे हैं . उन्होंने कहा कि हमने रामगढ़ को नई पहचान दी, विकास का नया अध्याय लिखा. झामुमो-कांग्रेस-राजद की सरकार ने रामगढ़ से उसका परिचय ही छीन लिया. जो रामगढ़ विकास के सभी मानकों में अव्वल हुआ करता था, वह आज सबसे पिछले पायदान पर पहुंच चुका है. यही हाल पूरे राज्य का है. यही इस सरकार की उपलब्धि है.
इसे भी पढ़ें – शिक्षक नियुक्ति मामलाः HC में सरकार की याचिका खारिज, पढ़ें कोर्ट में क्या हुआ