मंगलवार को निशिकांत ने संसद में की थी सीएम के खिलाफ गलत बयानबाजी
विधानसभा में सत्ता पक्ष ने निशिकांत दुबे के खिलाफ निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की
दूसरे दिन भी हंगामे की भेंट चढ़ा झारखंड विधानसभा का शीतकालीन सत्र
Ranchi: लोकतंत्र के मंदिर संसद और विधानसभा माननीयों के अमर्यादित आचरण से लगातार शर्मसार हो रहे हैं. सोमवार को झारखंड के सांसद निशिकांत दुबे ने लोकसभा में मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी. उसके एक दिन बाद ही मंगलवार को झारखंड विधानसभा में बदले की भावना के तहत निशिकांत दुबे के खिलाफ भी अमर्यादित बयानबाजी की गई. सुबह 11:12 मिनट में सदन की कार्यवाही शुरू होते ही भाजपा के विधायक नियोजन और स्थानीय नीति को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गये. इसी दौरान विधायक प्रदीप यादव सूचना देने के लिए खड़े हुए और गोड्डा के भाजपा सांसद के खिलाफ आपत्तिजनक बात कह दी. उन्होंने कहा कि लोकसभा में झारखंड के एक सदस्य ने मुख्यमंत्री के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी की है. उनके बयान से राज्य की सवा तीन करोड़ जनता का अपमान हुआ है. इस पर विधानसभा में निंदा प्रस्ताव आना चाहिए. इसके बाद उन्होंने सांसद पर निजी हमला कर दिया.
इसे भी पढ़ें : विधानसभा का शीतकालीन सत्र : भाजपा विधायकों ने किया प्रदर्शन, गाया जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा
विधायक के बयान के बाद विपक्ष के साथ-साथ सत्ता पक्ष के विधायक वेल में पहुंच गये और हंगामा शुरू कर दिया. सत्ता पक्ष के विधायकों ने सीएम के खिलाफ ओछी बयानबाजी के लिए सदन में निंदा प्रस्ताव लाने की मांग की. झामुमो विधायक सुदिव्य कुमार सोनू, मंत्री आलमगीर आलम और मिथिलेश ठाकुर ने निंदा प्रस्ताव लाने का समर्थन किया. इस बीच सदन में हंगामा जारी रहा और स्पीकर ने 12:55 तक के लिए सदन की कार्यवाही को स्थगित कर दिया. 12:55 में फिर से सदन की कार्यवाही शुरू हुई और हंगामे के बीच 8533 करोड़ का द्वितीय अनुपूरक बजट पेश किया गया और तीन विधेयक वापस लिये गये. स्पीकर ने बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.
इसे भी पढ़ें : मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्यपाल से मिला यूपीए प्रतिनिधिमंडल, भाजपा ने बनाई दूरी