धीरेंद्र अग्रवाल भाजपा के टिकट से दो बार व राजद के टिकट से एक बार सांसद बने
– धीरेंद्र अग्रवाल वर्ष 1991 में उपेंद्र नाथ वर्मा से हारे थे
– धीरेंद्र ने 1996 में राजद के कृष्ण नंदन को हराया था
– सांसद रहते नागमणी ने भाजपा का दामन थामा था
Ashish Tagore
Latehar: यूं ही चतरा संसदीय क्षेत्र हमेशा चर्चा में नहीं रहता है. अव्वल तो आज तक यहां से कोई भी स्थानीय प्रत्याशी सांसद चुन कर दिल्ली नहीं गया है. दूसरा, चतरा सीट से दलबदलू नेताओं को भी मतदाताओं ने अपना समर्थन दिया है और चुनाव जीता कर संसद तक पहुंचाया है. धीरेंद्र अग्रवाल ने भाजपा के टिकट से दो बार एवं राजद के टिकट से एक बार चुनाव जीत कर संसद तक का सफर तय किया है. चतरा से धीरेंद्र अग्रवाल भाजपा के टिकट से तीन बार चुनाव लड़े. सबसे पहले वर्ष 1991 के लोकसभा चुनावों में धीरेंद्र अग्रवाल को जनता दल के उपेंद्र नाथ वर्मा से शिकस्त खानी पड़ी थी. लेकिन इसके बाद लगातार दो चुनाव उन्होंने भाजपा के टिकट से जीत हासिल की. 1996 में उन्होंने राजद के कृष्ण नंदन प्रसाद को हराया था. 1998 में मध्यावधि चुनाव हुए तो भाजपा के धीरेंद्र अग्रवाल ने राजद के नागमणी को हराया. वर्ष 1999 के लोकसभा चुनाव में राजद के नागमणी ने भाजपा के धीरेंद्र अग्रवाल को हराया.
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धीरेंद्र अग्रवाल और नागमणि ने कई बार पाला बदला
साल 2004 के लोकसभा चुनाव में सीन कुछ और ही था. नागमणी व धीरेंद्र अग्रवाल दोनों ने ही पाला बदल लिया. सांसद रहते नागमणी ने भाजपा का दामन थाम लिया. धीरेंद्र अग्रवाल और नागमणी दोनों ही भाजपा से टिकट के दावेदार थे. लेकिन भाजपा ने नागमणी को टिकट दिया. ऐसे में धीरेंद्र अग्रवाल रातों-रात राजद में चले गये. राजद ने अग्रवाल पर विश्वास जता कर उन्हें चतरा से टिकट दे दिया. जीत धीरेंद्र अग्रवाल की हुई. नागमणी तीसरे स्थान पर खिसक गये. नागमणी का दल बदलने का सिलसिला यहीं नहीं रूका. 2004 के लोकसभा चुनाव में भाजपा के नागमणि ने एक बार फिर पाला बदला. राजद में पुन: वापसी की. 2009 में लोकसभा चुनाव लड़े. लेकिन जीत नहीं सके. वे तीसरे स्थान पर रहे. निर्दलीय प्रत्याशी इंदर सिंह नामधारी चुनाव ने चुनाव जीता था. उन्होंने कांग्रेस के धीरज साहू को हरया था. यह भी कम दिलचस्प नहीं है कि भाजपा और राजद से चुनाव लड़ कर संसद तक पहुंचने वाले धीरेंद्र अग्रवाल ने 2009 में निर्दलीय चुनाव लड़ा था. 11 प्रत्याशियों में वे आठवें स्थान पर रहे थे. नागमणी का पाला बदलने का सिलसिला रूका नहीं. साल 2014 में नागमणी ने फिर पाला बदला और आजसू पार्टी से चुनाव लड़ा और चौथे स्थान पर रहे.
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