चंद्रग्रहण के दौरान बृहस्पति और यूरेनस के बीच होगा चंद्रमा
अमूमन चांद और सूर्य के बीच में धरती के आने से लगता है चंद्रग्रहण
Amarnath Pathak
Hazaribagh : शरद पूर्णिमा की रात सौरमंडल का नजारा अद्भुत होगा. दरअसल जब धरती चांद और सूर्य के बीच में आ जाती है, तब चंद्रग्रहण लगता है. लेकिन इस बार चंद्रग्रहण के दौरान बृहस्पति और यूरेनस के बीच चंद्रमा दिखाई देगा. इसलिए इस साल का दूसरा और अंतिम चंद्रग्रहण खगोलप्रेमियों के लिए खास बन गया है. इस वर्ष पांच मई को पहला चंद्रग्रहण लगा था. यह जानकारी देते हुए विज्ञान लेखक सह खगोल के जानकार हजारीबाग के अभिषेक मिश्र ने ‘शुभम संदेश’ को बताया कि इस बार यह दिलचस्प नजारा होगा कि भारत समेत दुनिया के कई देशों में चंद्रग्रहण नजर आएगा. उन्होंने कहा कि 28 और 29 अक्तूबर को चंद्रग्रहण के साथ ही एक खूबसूरत नजारा देखने को मिलने वाला है. चंद्रमा के पास एक तरफ बृहस्पति और दूसरी तरफ यूरेनस ग्रह होगा. बृहस्पति ग्रह तो नग्न आंखों से दिखाई देगा, लेकिन यूरेनस को दूरबीन से देखा जा सकता है. जिन्हें खगोल विज्ञान में रुचि है, वह आसमान में खूबसूरत नजारे का आनंद ले सकते हैं. 28 अक्तूबर को यूरोप, अफ्रीका, एशिया और ऑस्ट्रेलिया में भी आंशिक चंद्र ग्रहण दिखेगा. 28 अक्तूबर को पूर्णिमा भी है, जो बृहस्पति ग्रह के साथ दिखेगा.
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क्यों लगता है चंद्रग्रहण
चूंकि चांद सूर्य की रौशनी से प्रकाशित रहता है. धरती के बीच में आ जाने से सूर्य की किरणें चांद तक नहीं पहुंच पाती हैं. इस वजह से चांद पर अंधेरा छा जाता है. यही चंद्रग्रहण है.
दक्षिणी अमेरिकी महाद्वीप में नहीं दिखेगा शरद पूर्णिमा पर लगनेवाला चंद्रग्रहण
खगोलप्रेमी अभिषेक मिश्र ने बताया कि शरद पूर्णिमा की रात लगनेवाला चंद्रग्रहण भारत में 28 अक्तूबर की रात 11.30 बजे से लगेगा, जो 29 अक्तूबर की अहले सुबह 2.24 बजे समाप्त होगा. खगोलीय वैज्ञानिकों की मानें तो 28 अक्तूबर को होने वाला चंद्रग्रहण भारत में भी दिखाई देगा. यह ग्रहण उन क्षेत्रों में दिखाई देगा, जहां चंद्रमा क्षितिज से ऊपर होता है. दक्षिणी अमरीकी महाद्वीप को छोड़कर यह चंद्रग्रहण सभी जगह दिखाई देगा. यह चंद्रग्रहण क्षितिज से 62 डिग्री ऊपर स्थित होगा. अंतिम समय में चंद्रग्रहण सबसे अच्छे तरीके से देखा जा सकेगा.
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