Saraikela: छोटा गम्हरिया एसएस प्लस टू हाई स्कूल के सामने भूमाफियाओं द्वारा कब्जा करने का मामला तुल पकड़ने लगा है. स्कूल के अस्तित्व को बचाने के लिए जमीन को कब्जा मुक्त कराने को लेकर पास आउट छात्र, अभिभावक, स्कूल के हेडमास्टर एवं शिक्षक तथा ग्रामीण एकजुट हुए. स्कूल परिसर में हुई बैठक में मुहिम छेड़ दी गई. आंदोलन की रणनीति बनायी गई. इसके तहत धरना, प्रदर्शन एवं जुलूस निकालने का निर्णय लिया गया.
बैठक में विभिन्न राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता भी दलगत भावना से उपर उठकर एक प्लेटफार्म पर आये. बैठक में पूर्व छात्र समेत अन्य सभी लोगों ने एक स्वर में कहा कि हर कीमत पर जमीन को कब्जा मुक्त कराया जायेगा.
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बच्चों के खेलने-कूदने में हो रही है परेशनियां
स्कूल के मैट्रिक फर्स्ट बैच 1964 के छात्र रहे रंजीत महतो ने कहा कि 1960 में स्कूल की स्थापना हुई है. तब से लेकर अभी तक स्कूल के सामने खेलने-कूदने या सांस्कृतिक कार्यक्रमों के लिए पूरा जगह खाली पड़ा था. उसे घेरकर चारदीवारी बना दिये जाने से बच्चों के पठन-पाठन, खेलकूद और सांस्कृतिक कार्यक्रमों में परेशानी हो रही है. वहीं 1971 के पास आउट छात्र रहे द्विजपदो महतो ने बताया कि 60 साल से किसी ने जमीन पर दावा नहीं किया. ये आज अचानक दावा करने लगे. अगर उनकी जमीन थी तो पहले भी विरोध करना चाहिए था. जिला प्रशासन भी मूकदर्शक बना है.
बीईईओ ने भूमाफियाओं के डर से जांच करने से किया था इंकार
स्कूल के सामने की जमीन की घेराबंदी को लेकर हेडमास्टर ने शिकायत दर्ज करायी थी. इस पर डीईओ सचिंद्र द्विवेदी तिग्गा ने गम्हरिया के बीईईओ कानन पात्रा को स्थल जांच कर रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था. लेकिन बीईईओ ने भूमाफियाओं के डर से जांच करने से इंकार कर दिया था. उन्होंने डीसी एवं डीईओ को पत्र लिखकर कहा था कि भूमाफियाओं की पंहुच बहुत दूर तक है. वे कुछ भी कर सकते हैं. उन्होंने प्रशासनिक पदाधिकारी एवं गम्हरिया पुलिस की मौजूदगी में जांच करने की बात कही थी. इसके बाद मामला ठंडा पड़ गया और भूमाफियाओं ने जमीन घेर लिया.
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