New Delhi : वाराणसी स्थित ज्ञानवापी (मस्जिद) परिसर के ASI सर्वे के खिलाफ अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी. कोर्ट के निर्णय के बाद वरिष्ठ अधिवक्ता हुज़ेफ़ा अहमदी ने कहा कि सर्वेक्षण की पूरी कार्यवाही सीलबंद रखी जानी चाहिए. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Supreme Court declines to stay the scientific survey by the Archaeological Survey of India (ASI) of the Gyanvapi mosque premises.
Supreme Court says that ASI has clarified that the entire survey would be completed without any excavation and without causing any damage to the… pic.twitter.com/Q2lF2uOkRD
— ANI (@ANI) August 4, 2023
ASI के सर्वे से आपको क्या परेशानी है?
इससे पहले सुनवाई के क्रम में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने मुस्लिम पक्ष से पूछा कि ASI के सर्वे से आपको क्या परेशानी है? उधर कल इलाहाबाद हाईकोर्ट से हरी झंडी मिलने के बाद ज्ञानवापी परिसर में आज से आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) का सर्वे शुरू हो गया.
मुस्लिम पक्ष ने हाईकोर्ट के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी
जान लें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी की याचिका खारिज करते हुए जिला कोर्ट द्वारा दिये गये ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे फैसले को बरकरार रखा था. इसी फैसले को मुस्लिम पक्ष ने कल ही सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी. और आज सुप्रीम कोर्ट ने ASI सर्वे पर मुहर लगा दी. सुनवाई के दौरान सीजेआई चंद्रचूड़ ने मुस्लिम पक्ष से कहा कि हमें इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश मैं दखल क्यों देना चाहिए? ASI द्वारा भरोसा दिलाये जाने के बाद SC ने सर्वे जारी रखने का आदेश दिया. साथ ही सर्वे की रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में जमा करने का आदेश दिया.
अयोध्या मामले में भी एएसआई ने सर्वेक्षण किया था
सीजेआई का कहना था कि हम प्रक्रिया के इस चरण में क्यों दखल दें? आप (मुस्लिम पक्ष)सारी दलीलें सुनवाई के दौरान दे चुके हैं. अयोध्या मामले का जिक्र करते हुए SC ने कहा, वहां भी एएसआई ने सर्वेक्षण किया था. साथ ही कहा कि फाइनल सुनवाई के दौरान कौन सा तथ्य, सबूत और रिपोर्ट का कौन सा हिस्सा सुनवाई का हिस्सा बने या कौन सा नहीं, सर्वे रिपोर्ट आने को बाद तय होगा. कोर्ट का कहना था कि एक ही ग्राउंड पर हर बार हरेक कार्रवाई पर रोक का आग्रह नहीं किया जा सकता.