Washington : दुनिया के पास मात्र 10 सप्ताह (70 दिन) का ही गेहूं शेष बचा है. यह साल 2008 के बाद अपने सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. बता दें कि यूरोप की रोटी की टोकरी कहे जाने वाले यूक्रेन पर रूसी हमले से खाद्यान सप्लाई को लेकर विश्व भर में हालात भयावह होते जा रहे हैं. इस महासंकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र ने चेतावनी जारी की है. संयुक्त राष्ट्र ने कहा है कि दुनिया में खाद्यान का ऐसा संकट एक पीढ़ी में एक ही बार होता है. खबर है कि अब दुनिया की निगाहें जापान में होने जा रहे क्वॉड देशों की बैठक पर टिक गयी है, जहां गेहूं संकट का मुद्दा प्रमुखता से उठने की संभावना है.
रूस में इस साल गेहूं की बंपर फसल हुई है
भारत द्वारा गेहूं के निर्यात पर बैन लगाने से अमेरिका समेत यूरोपीय देश भारी टेंशन में हैं. अमेरिका और यूरोपीय देशों के टेंशन की वजह भी है. गो इंटेलिजेंस की रिपोर्ट बताती है कि दुनिया में अब मात्र 10 सप्ताह तक ही गेहूं की सप्लाई का स्टॉक बचा है. जान लें कि रूस और यूक्रेन दुनिया के एक चौथाई गेहूं की आपूर्ति करते हैं. पश्चिमी देशों को डर है कि पुतिन गेहूं को एक हथियार के रूप में इस्ते माल कर रहे हैं. जानकारी के अनुसार रूस में इस साल गेहूं की बंपर फसल हुई है और पुतिन इसे नियंत्रित कर सकते हैं. उधर खराब मौसम की वजह से यूरोप और अमेरिका में गेहूं की फसल को खासा नुकसान पहुंचा है.
हम मानवीय त्रासदी और आर्थिक नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं
गो इंटेलिजेंस की मुख्य कार्यकारी अधिकारी सारा मेनकर ने चेतावनी दी है कि खाद्यान की सप्लाई असाधारण’चुनौतियों से जूझ रही है.फर्टिलाइजर की कमी, जलवायु परिवर्तन और खाद्यान तेल तथा अनाज का रेकॉर्ड कम भंडार इसकी वजह है. उन्होंने संयुक्ता राष्ट्र सुरक्षा परिषद से कहा कि हम असाधारण मानवीय त्रासदी और आर्थिक नुकसान की ओर बढ़ रहे हैं. उन्होंने बताया कि ऐसा संकट एक पीढ़ी में केवल एक ही बार आता है और यह भूराजनीतिक दौर को नाटकीय तरीके से बदल सकता है.
पश्चिमी देशों को डर सता रहा है कि रूसी राष्ट्रपति जानबूझकर वैश्विक खाद्यान सप्लाई को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं और यूक्रेन के कृषि उपकरणों को नष्ट कर रहे हैं, उनके गेहूं को चुरा रहे हैं. इस बीच भारत के गेहूं निर्यात पर बैन लगाने से पश्चिमी देश टेंशन में आ गये हैं. बताया जा रहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति क्वॉड की जापान में हो रही बैठक में गेहूं के निर्यात के मुद्दे को पीएम मोदी के समक्ष उठा सकते हैं. अमेरिका ने कहा है कि क्वॉड बैठक में गेहूं संकट पर चर्चा होगी. खबर है कि बाइडन पीएम मोदी से गेहूं के निर्यात पर बैन हटाने की गुहार लगा सकते हैं.