- दोषी कौन : शिक्षा विभाग, संघ या फिर खुद शिक्षक ?
- न दिया आवेदन, न उठाई बात, एक-दूसरे को बता रहे जिम्मेवार
- सता रही चिंता, 31 जुलाई के इम्तिहान में कैसे होंगे शामिल
Amarnath Pathak
Hazaribagh : आकलन परीक्षा से वंचित रहनेवाले सहायक अध्यापक खुद इसके लिए जिम्मेवार हैं या फिर सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा अथवा शिक्षा विभाग ? इस मामले पर हजारीबाग में बहस छिड़ी हुई है और सभी एक-दूसरे को दोषी या जिम्मेवार ठहरा रहे हैं. दरअसल राज्यभर के सहायक अध्यापकों (पारा शिक्षकों) की आकलन परीक्षा 31 जुलाई को निर्धारित है. इसके लिए हजारीबाग जिले के करीब 20% सहायक शिक्षक गहरी चिंता में हैं. दरअसल विभिन्न कारणों से झारखंड अधिविद्य परिषद (जैक) से जारी ऑनलाइन पोर्टल पर सहायक अध्यापकों का डाटा अपलोड नहीं हो पाया. अब जब अन्य सहायक अध्यापकों का एडमिट कार्ड आना शुरू हो गया है, तो ऐसे में इन शिक्षकों की फिक्र बढ़ना लाजिमी है. चूंकि जिनका डाटा अपलोड नहीं हो पाया है, वह परीक्षा में नहीं बैठ सकते हैं. इसके पीछे की वजह तकनीकी खराबी बताई जाती है. शिक्षकों का कहना है कि अगर पोर्टल में तकनीकी खराबी थी, तो शिक्षा पदाधिकारियों ने इस पर संज्ञान लेते हुए सहायक अध्यापकों के हित में कदम क्यों नहीं उठाया. वहीं शिक्षा पदाधिकारियों का कहना है कि शिक्षकों ने इस संबंध में कभी अपनी परेशानियों का जिक्र लिखित रूप में नहीं किया. वहीं सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा का कहना है कि जानकारी मिलने के बाद से जिले से लेकर राज्य तक उन्होंने लिखा-पढ़ी की है. उनकी पूरी कोशिश है कि कोई सहायक अध्यापक आकलन परीक्षा से वंचित नहीं रहे.
सभी दस्तावेज जमा करने के बाद भी नहीं खुला पोर्टल : राजेश कुमार
प्राथमिक विद्यालय नारायणा चौपारण-वन के सहायक अध्यापक राजेश कुमार ने बताया कि उन्होंने पिछले साल अक्तूबर-नवंबर में ही सर्विस से संबंधित सभी दस्तावेज जमा किए. लेकिन उनके नाम का पोर्टल नहीं खुला और दस्तावेज अपलोड नहीं हो पाया. इससे आकलन परीक्षा का फॉर्म नहीं भर पाए. प्रखंड संसाधन केंद्र और झारखंड शिक्षा परियोजना हजारीबाग से भी बताया गया कि यह राज्य मुख्यालय से तकनीकी खराबी है. इसके लिए जिला मुख्यालय के ऑफिस से संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे शिक्षकों के लिए आकलन परीक्षा फॉर्म ऑफलाइन भी भराना चाहिए था. इसके लिए सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा को भी पहल करने की जरूरत है.
आकलन परीक्षा में बैठे बिना कैसे बढ़ेगा इंक्रीमेंट : जयमंगल सिंह
उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवरिया के जयमंगल सिंह ने कहा कि आकलन परीक्षा में बैठे बिना इंक्रीमेंट कैसे बढ़ेगा. पोर्टल पर उनका मामला भी फंसा हुआ है. इस पर विभाग को संज्ञान लेने की जरूरत है. ऑनलाइन परीक्षा फॉर्म नहीं भरा रहा है, तो उसे ऑफलाइन का विकल्प भी रहने देना चाहिए. संघ को इसके लिए पहल करने की जरूरत है.
विभाग की वजह से छूट रही आकलन परीक्षा : रंजन कुमार
कन्या विद्यालय टिटही के सहायक अध्यापक रंजन कुमार कहते हैं कि विभाग की वजह से आकलन परीक्षा छूट रही है. किसी का सर्टिफिकेट वेरिफेशन नहीं हुआ है. किसी का पोर्टल में अपलोड नहीं हुआ है. यह देखना विभाग का काम है. शिक्षकों की परेशानियों का हल विभाग को करना चाहिए. संघ को भी इसमें सहयोग करना चाहिए.
पोर्टल में दस्तावेज नहीं हो पाया अपलोड : नीलम कुमारी
प्राथमिक विद्यालय रामूकरमा की शिक्षिका नीलम कुमारी ने कहा कि उनके साथ भी पोर्टल वाली ही परेशानी है. उनके अलावा प्राथमिक
विद्यालय चैथी के बनानी चौधरी, प्राथमिक विद्यालय मरहेढ़ी की कुमुद श्रीवास्तव, मध्य विद्यालय वृंदा की निशा कुमारी, मध्य विद्यालय भट्टबिगहा के अर्जुन सिंह समेत कई शिक्षकों का फॉर्म नहीं भरा पाया है.
शिक्षकों को आवेदन देकर बतानी चाहिए परेशानी : डीएसई
डीएसई संतोष गुप्ता का कहना है कि शिक्षकों को आवेदन देकर परेशानी बतानी चाहिए. अगर आवेदन नहीं देंगे, तो वह कैसे जानेंगे कि क्या परेशानी हो रही है. मौखिक और लिखित बातों में काफी अंतर है. वैसे उन्होंने सभी सहायक अध्यापकों के आकलन परीक्षा से संबंधित मामलों को सलटाने का प्रयास किया है. उसके बाद भी जिनकी परेशानी है, वह आवेदन दें.
राज्यस्तर पर हो रही पहल : चंदन मेहता
सहायक अध्यापक संघर्ष मोर्चा के जिलाध्यक्ष चंदन मेहता ने कहा कि शिक्षकों ने कभी संघ को आवेदन देकर अपनी परेशानी नहीं बताई. उसके बाद भी जिला से लेकर राज्यस्तर पर पहल की जा रही है. जिले में करीब 3700 पारा शिक्षक हैं. पहले पोर्टल नहीं खुलने से संबंधित 126 मामले आए थे. उनमें अधिकांश की परेशानी दूर की गई है. जो बचे हुए हैं, उसके लिए भी संघ प्रयासरत है. कोशिश की जा रही है कि कोई भी सहायक अध्यापक आकलन परीक्षा से वंचित नहीं रहें.