Pune : 2014 के बाद से देश की विदेश नीति में बदलाव आया है. यह कहना है विदेश मंत्री एस जयशंकर का. जयशंकर महाराष्ट्र के पुणे में भारत क्यों मायने रखता है : युवाओं के लिए अवसर और वैश्विक परिदृश्य में भागीदारी कार्यक्रम में युवाओं के साथ चर्चा कर रहे थे. उन्होंने आतंकवाद से निपटने के तरीके पर बात की. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | On being asked which country is the most difficult to maintain relationships with, EAM Dr S. Jaishankar said, “There are countries with whom you can ask would we maintain relationships… Today the biggest challenge is Pakistan… Narendra Modi came only in 2014, but… pic.twitter.com/IUsWKEgV5U
— ANI (@ANI) April 12, 2024
पाकिस्तान को लेकर भारत की रणनीति स्पष्ट नहीं रही थी
विदेश मंत्री से पूछा गया कि ऐसे कौन से देश हैं, जिनके साथ भारत के लिए संबंध बनाये रखना काफी मुश्किल है. इसके जवाब में उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिया. उन्होंने इसकी वजह बताई कि पूर्व से ही पाकिस्तान को लेकर भारत की रणनीति स्पष्ट नहीं रही.
यह समस्या 2014 में नहीं, 1947 में शुरू हुई
श्री जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी 2014 में आये, लेकिन यह समस्या 2014 में नहीं, 1947 में शुरू हुई. कहा 1947 में जो लोग पाकिस्तान से हमलावर कश्मीर में आये. यह आतंकवाद था. कहा कि वे शहरों और गांवों को जला रहे थे. लोगों की हत्याएं कर रहे थे. कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर में कबायली आक्रमणकारियों को भेजा. हमारी सेना ने उनका मुकाबला किया. जब भारतीय सेना अपनी कार्रवाई कर रही थी, तो हम रुक कर संयुक्त राष्ट्र की शरण में चले गये.
विदेश मंत्री के अनुसार अगर भारत शुरू से ही स्पष्ट होता कि पाकिस्तान आतंकवाद का सहारा ले रहा है, हमें यह किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं करना चाहिए. कहा कि अगर कोई देश आपको बातचीत की मेज पर लाने के लिए आतंकवाद का सहारा लेता है, तो क्या यह बर्दाश्त होना चाहिए?
आतंकवादियों को जवाब देने के लिए कोई नियम नहीं
एस जयशंकर ने कहा कि मुंबई में 26/11 हमले के बाद यूपीए सरकार ने बहुत मंथन किया, पर किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच पायी. कहा कि आतंकियों को यह नहीं लगना चाहिए कि हम इस लाइन के उस पार हैं तो कोई हमें छू नहीं पायेगा. आतंकवादियों को जवाब देने के किसी तरह का कोई नियम नहीं होता. जयशंकर का कहना था कि अगर अभी मुंबई (26/11) जैसा हमला होता है और हम प्रतिक्रिया नहीं करते हैं, तो अगला हमला कैसे रोका जा सकता है.