Bermo : बोकारो थर्मल स्थित डीवीसी के नये 500 मेगावाट की क्षमता वाले ए प्लांट से उत्सर्जित छाई को डिस्पोजल की जगह नहीं मिल रही है. इससे बोकारो थर्मल संकट में घिर गया है . बीते 12 अगस्त से छाई की ट्रांस्पोर्टिंग बंद है. ट्रांस्पोर्टिंग बंद रहने के कारण नुरीनगर स्थित डीवीसी के दोनों ऐश पौंड़ में क्षमता से अधिक छाई भर गयी है. इस स्थिति में स्थानीय प्रबंधन प्लांट को कभी भी बंद कर सकता है. 20 अगस्त को प्रशासन की देखरेख में जैनामोड़ स्थित पत्थर खदान में छाई गिराने का काम शुरू हुआ था, लेकिन दूसरे दिन विरोध किए जाने के कारण बंद हो गया. यहां वन और पर्यावरण विभाग की क्लियरेंस मिल गयी थी.
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छाई डिस्पोजल को लेकर कई स्तर से प्रयास
छाई डिस्पोजल को लेकर सरकार सहित कई स्तर से प्रयास किये जा रहे हैं. स्थानीय डीवीसी प्रबंधन, बोकारो डीसी, एसडीओ सहित सीसीएल प्रबंधन को कई बार समस्या से अवगत भी कराया गया। इस पर बोकारो प्रशासन ने पहल भी की, लेकिन अगंवाली के ग्रामीणों के द्वारा विरोध किए जाने के बाद स्थिति यथावत है. सूबे के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने भी प्लांट से उत्सर्जित छाई की डिस्पोजल की समस्या मुख्यमंत्री के समक्ष रखी है. हालत ऐसी है कि पिछलें 22 दिनों से ऐश पौंड़ से छाई ट्रांस्पोर्टिंग बंद है. इस कारण दोनों ऐश पौंड़ में छाई की ढेर लग गयी है. चैयरमैन आरएन सिंह ने बोकारो थर्मल प्रवास के दौरान कहा था कि प्लांट की छाई सीसीएल की बंद खदानों में गिराने को लेकर स्थानीय स्तर से केंद्रीय कोयला मंत्रालय और ऊर्जा मंत्रालय तक बात की जा रही है.
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टूट सकती है ऐश पौंड़
दो वर्ष पूर्व दोनों पौंड़ के चारों तरफ छह फुट मिट्टी की दीवार बन गयी थी. इस कारण क्षमता से अधिक छाई भर जाने के कारण पौंड टूट गयी थी. स्थानीय प्रबंधन का तर्क है कि ठेकेदार और ट्रांस्पोर्टर के बीच किराए को लेकर विवाद है. इस कारण छाई ट्रांस्पोर्टिंग बंद है. लेकिन बहुत जल्द छाई ट्रांस्पोर्टिंग शुरू हो जाऐगी. दूसरी ओर प्लांट से 400 मेगावाट बिजली उत्पादन की जा रहीं है. छाई डिसपोजल की बड़ी समस्या उत्पन्न हो गयी है. हालात ऐसी रही तो प्लांट से बिजली उत्पादन बंद करनी पडेगी. इस मामले को लेकर हर स्तर पर प्रयास किया जा रहा है.