Ranchi : एम्स के अनुभवी चिकित्सक डॉ अरुण सिंह और डॉ शिल्पी गंगा ने वर्ष 2005 में एएसजी आई हॉस्पिटल की नींव रखी थी. कारवां बढ़ता गया और अब 13 राज्य के 21 शहरों में 48 शाखाओं के साथ सफलतापूर्वक ग्रुप हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है. झारखंड की राजधानी रांची में भी हॉस्पिटल की तीसरी शाखा की शुरुआत हुई है. जेल मोड़ चौक स्थित आदिवासी हॉस्टल के सामने मरीजों के द्वारा दीप प्रज्वलित कर अस्पताल का उद्घाटन किया गया. इससे पहले धनबाद और जमशेदपुर में हॉस्पिटल का संचालन हो रहा है. गौरतलब है कि इस सुपर स्पेशियलिटी आई हॉस्पिटल में एम्स के स्तर का आंखों का इलाज होता है.
इन डॉक्टरों की टीम करेगी मरीजों की इलाज
एएसजी आई हॉस्पिटल में पांच अनुभवी और वरिष्ठ डॉक्टरों की टीम है. इनमें रीजनल डायरेक्टर डॉ नीतिश सिंह, डॉ जयंत कुमार, डॉ स्मृति सावले, डॉ सौम्या और डॉ पल्लवी हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों का इलाज करेंगे. डॉ नितीश मोतियाबिंद और मेडिकल सर्जिकल रेटीना के विशेषज्ञ डॉक्टर हैं. उन्होंने देश के कई शहरों में अपनी सेवाएं दी है.
आंखों के इलाज की दी जानकारी
अस्पताल में आयोजित प्रेस कांफ्रेंस के दौरान डॉ जयंत ने कहा कि पिछले 10 वर्षों से हजारों जटिल रेटिना की सर्जरी कर चुका हूं. उनके द्वारा किए गए ऑपरेशन को इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस में भी सराहा गया है. जबकि बेंगलुरु के नारायण नेत्रालय से कॉर्निया फेको और रिफ्रैक्टिव सर्जरी की एडवांस ट्रेनिंग ले चुकी डॉ स्मृति सावले ने कहा कि 10 सालों से सैकड़ों नेत्र प्रत्यारोपण और लेसिक पद्धति से मरीजों के लगे हुए चश्मे को उतारने का भी काम किया है. जबकि एम्स नई दिल्ली की डॉ सौम्या, शंकर आई हॉस्पिटल बेंगलुरु से फेको ट्रेनिंग ली हुई डॉ पल्लवी प्रिया भी एएसजी आई हॉस्पिटल में आने वाले मरीजों का इलाज करेंगी.
एएसजी आई हॉस्पिटल को मिला है सम्मान
एएसजी आई हॉस्पिटल को उत्कृष्ट सेवा के लिए इंटरनेशनल एचीवर्स अवार्ड (2009), वेलनेस हेल्थ अवार्ड (2010), राजीव गांधी गोल्ड मेडल अवॉर्ड (2010) और यंग एंटरप्रेन्योर अवार्ड (2014) से सम्मानित किया जा चुका है.
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