Kritika Suman
Chatra: गांव में बिजली ना हो, योजनाओं के लिए फॉर्म चाहिए, जाति/आय प्रमाण पत्रों की आवश्यकता हो या राशन कार्ड की स्थिति का पता लगाना हो? तो इनसे जुड़ी सूचनाओं को हासिल करने में ग्रामीणों के हाथ-पैर फूल जाते हैं. लेकिन झारखंड में एक ऐसा भी पंचायत है, जिससे जुड़ी हर जानकारी मोबाइल में ही मिल जाएगी. सुनकर इसपर यकीन करना थोड़ा मुश्किल लगता है. लेकिन झारखंड के चतरा जिला के टंडवा प्रखंड के बचरा दक्षिणी पंचायत ने ऐसा कर दिखाया है. यहां की मुखिया रीना देवी ने अपने पंचायत को पूर्ण डिजिटल पंचायत बनाया है.
झारखंड राज्य बनने के बाद जब साल 2010 में पंचायत चुनाव हुए, रीना देवी तब से मुखिया के रूप में जनता का प्रतिनिधित्व कर रही हैं. अपने कार्यकाल के दौरान रीना देवी पंचायत के विकास के लिए लगातार समर्पित रहीं. यही कारण है कि 11 वर्ष बाद भी इन्हें जनता का वही प्यार मिल रहा है.
ऐसे हुआ डिजिटल पंचायत का आगाज
पंचायत को डिजिटल बनाने के सवाल पर रीना देवी ने बताया,कई बार मुझे बैठकों और अन्य ऑफिसियल कामों के लिए प्रखंड और जिला कार्यालय जाना होता था. ऐसे में मेरी गैर हाजिरी में ग्रामीण अपनी समस्याएं लेकर मेरे ऑफिस आते थे और मेरे ना रहने पर निराश होकर लौट जाते थे. जिससे मैं हमेशा सोचती थी कि दुनिया ने इतनी तरक्की कर ली है और हमारी पंचायतों में छोटी-छोटी समस्याओं को लेकर लोगों को परेशान होना पड़ता है. ऐसे में मुझे कई बार लगा कि कुछ ऐसा करूं, जिससे मैं जहां भी रहूं, वहीं से गांव वालों की सहायता कर सकूं. शुरुआत में मैंने पंचायत के लिए संपर्क नंबर उपलब्ध कराया, पर वो इतना कारगर नहीं था. फिर मेरे बेटे शौभिक राज ने मुझे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के बारे में विस्तार से समझाया, साथ ही सुझाव दिया कि हमें अपने पंचायत को डिजिटल बनाना चाहिए. लेकिन उस समय ये काम उतना आसन नहीं था. पंचायतों के पास सीमित फंड आते हैं. काफी सोच-विचार के बाद बेटे के सहयोग और पारिवारिक खर्च से साल 2015 में पंचायत की वेबसाइट का निर्माण कराया. वेबसाइट तो बन गयी थी, पर कम फीचरों के कारण इसकी रफ्तार धीमी ही रही.
लॉकडाउन ने दिया पुनर्जीवन
रीना देवी ने बताया कि 2020 में जब कोरोना महामारी आयी और लॉकडाउन हुआ. तब वेबसाइट की अत्यधिक जरुरत महसूस हुई. हमने वेबसाइट को पुनर्जीवित करने का विचार किया. बेहतरीन फीचरों के साथ साल 2020 में चतरा जिले के डीसी दिव्यांशु झा द्वारा वेबसाइट की विधिपूर्वक लॉन्चिंग कराई गयी. इसके बाद जब वैक्सीनेशन के लिए लोगों को 5-6 घंटे लाइन में लगना पड़ता था, तब हमने ”क्राउड मैनेजमेंट” का डिजिटल तरीका निकाला. साथ ही अपने पंचायत का एक मोबाइल ऐप भी बनवाया. उस ऐप की लॉन्चिंग सितंबर 2021 में चतरा के सांसद सुनील कुमार सिंह के द्वारा करायी गयी. ऐप से घर बैठे लोग अपने मोबाइल से ऑनलाइन टोकन लेने लगे, जिससे घर बैठे ही नंबर लग जाता था. इससे भीड़ भी कम हुई और लोग अधिकतम पन्द्रह मिनट में ही सेंटर से वैक्सीन ले लेते थे. वहीं वैक्सीन मिलने की जानकारी व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों को दे दी जाती थी.
यूट्यूब से लेकर ऐप तक
इससे आगे उन्होंने बताया कि बचरा दक्षिणी पंचायत की अपनी वेबसाइट, यूट्यूब चैनल, फेसबुक पेज, पंचायत का व्हाट्सएप ग्रुप और पंचायत का अपना मोबाइल ऐप है. इन सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बिजली अपडेट, नेटवर्क अपडेट, वाटर सप्लाई अपडेट और एलपीजी गैस की जानकारी जैसे अपडेट वेबसाइट और ऐप पर डालकर पंचायत के वाहट्सअप ग्रुप में शेयर कर दिया जाता है, जिससे लोगों को तुरंत हर चीज की जानकारी मिल जाती है. मोबाइल ऐप में जन्म / मृत्यु प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, चरित्र प्रमाण पत्र, विवाहित/अविवाहित प्रमाण पत्र, बैक अकाउंट ओपनिंग आदि से संबंधित कई फॉर्म उपलब्ध हैं. ऐप के माध्यम से अब लोग फॉर्म को ऑनलाइन खुद से भर लेते हैं, जिससे उन्हें लेटर पैड पर भरा हुआ फॉर्म मिल जाता है और फिर मुखिया से हस्ताक्षर करा लेते हैं. साथ ही ऐप पर उपलब्ध राशन कार्ड और पेंशनधारियों की लिस्ट में से लोग अपनी स्थिति बड़ी आसानी से पता करा सकते हैं.
विदेशों तक हुई पहुंच
- कोरोना काल में पंचायत की वेबसाइट पर ऑनलाइन डांस कॉम्पीटीशन कराया गया, जिसमें विजेता को ऑनलाइन वोट के माध्यम से चुना गया. जिसे 30 से ज्यादा देशों में देखा गया और वेबसाइट को 28,275 से ज्यादा लोगों ने 1,11,840 से ज्यादा बार खोलकर देखा गया और इसपर कुल 29,875 वोट हुए.
- पंचायत के मोबाइल ऐप को तीन हजार से ज्यादा लोगों ने डाउनलोड किया है और इसकी रेटिंग 4.9 है.
- यूट्यूब चैनल पर लॉकडाउन के दौरान लाइव सिंगिंग कॉम्पीटिशन, ऑनलाइन क्विज कॉम्पीटिशन कराया गया. साथ ही पंचायत के विकास संबंधी कार्यों के वीडियो उपलब्ध होते हैं. इस चैनल के हजारों सब्सक्राइबर हैं और इसके वीडियो को लाखों बार देखा गया है.
- आने वाले दिनों में जल्द ही पंचायत के ऐप पर मेडिकल अपडेट भी उपलब्ध कराए जाएंगे.
ये भी है पंचायत की उपलब्धियां
- ओडीएफ पंचायत
- जीरो ड्रॉपआउट पंचायत
- जीरो शिशु मृत्यु दर पंचायत
- जीरो मातृत्व मृत्यु दर पंचायत
- जीरो बाल विवाह पंचायत
- डिजिटल पंचायत
नोट – (पद्मश्री बलबीर दत्त मीडिया फेलोशिप झारखंड, 2022 के तहत ‘झारखंड के विकास में पंचायतों की भूमिका’ विषय की पड़ताल के अंतर्गत)