Sourav Shukla
Ranchi: देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच मंकीपॉक्स का भी खतरा मंडराने लगा है. 74 देशों तक फैल चुके मंकीपॉक्स के अब तक दुनिया भर में 16 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. ऐसे में झारखंड सरकार अलर्ट मोड पर है. लेकिन वैसे लोग मंकीपॉक्स से सुरक्षित हैं, जिन्होंने स्मॉल पॉक्स का टीका लिया था. गौरतलब है कि 1796 में अंग्रेजी चिकित्सक एडवर्ड जेनर के प्रयोग के बाद 1958 से 1977 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चेचक के खिलाफ एक वैश्विक टीकाकरण कार्यक्रम शुरू किया था और 1980 में इस बीमारी को आधिकारिक तौर पर उन्मूलन घोषित कर दिया गया.
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1977 तक हुआ था स्मॉल पॉक्स से बचाव को लेकर टीकाकरण
वहीं रिम्स मेडिसिन विभाग के डॉ संजय सिंह की मानें तो जिन्होंने स्मॉल पॉक्स का टीका लिया है उन्हें मंकीपॉक्स का खतरा नहीं है. उन्होंने कहा कि 1977 तक स्मॉल पॉक्स का टीकाकरण किया गया था.
स्मॉल पॉक्स का टीका लेने वाले मंकीपॉक्स से सुरक्षित
जबकि मेडिसिन विभाग के डॉ बिंदे कुमार ने कहा कि झारखंड में फिलहाल मंकीपॉक्स का एक भी पॉजिटिव केस सामने नहीं आया हैं. उन्होंने कहा कि जिन्होंने स्मॉल पॉक्स की वैक्सीन ली है उन्हें मंकीपॉक्स खतरा ना के बराबर है. विश्व स्वास्थ संगठन (डब्लूएचओ) ने स्मॉल पॉक्स (चेचक) के खिलाफ वैश्विक टीकाकरण अभियान चलाकर लोगों को इससे बचाने का काम किया. इसका परिणाम है कि स्मॉल पॉक्स पूरे विश्व से खत्म हो चुका है.
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