Vinit Upadhyay
Ranchi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और वायनाड के निवर्तमान सांसद राहुल गांधी को मोदी समुदाय के खिलाफ अपमानजनक बयान देने पर गुजरात के सूरत की निचली अदालत से दो साल की सजा सुनाई गई है. जिसके बाद उनकी सदस्य्ता भी खत्म कर दी गई है. राहुल गांधी के खिलाफ बयानबाजी से जुड़े तीन मामले झारखंड के अलग-अलग अदालतों में चल रहे हैं. राहुल गांधी के खिलाफ एक मामला चाईबासा की निचली अदालत में और दो मामले रांची सिविल कोर्ट में लंबित हैं.
चाईबासा में भाजपा कार्यकर्ता प्रताप कटियार ने राहुल पर केस किया है. एक सम्मेलन के दौरान राहुल गांधी के कथित बयान ‘कांग्रेस बीजेपी की तरह हत्यारों की पार्टी अध्यक्ष के रूप में नहीं चुन सकती” के लिए मामला दर्ज किया गया था. रांची में जो दो मुकदमे दर्ज हैं उसमें एक वकील प्रदीप मोदी द्वारा राहुल के ‘सारे मोदी चोर’ कहने वाले अपमानजनक बयान के लिए दायर किया गया है, और दूसरा भाजपा कार्यकर्ता नवीन झा द्वारा उसी बयान के लिए दायर किया गया है, जिसके लिए चाईबासा में मामला दर्ज किया गया था.
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चाईबासा मामले में राहुल के खिलाफ समन जारी किया गया था, लेकिन झारखंड हाईकोर्ट ने राहुल की याचिका पर ‘कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं’ करने का निर्देश दिया है. फिलहाल यह मामला झारखंड हाईकोर्ट के समक्ष लंबित है.
नवीन झा के द्वारा दायर रांची के मामले में, अदालत ने राहुल को तलब किया था. लेकिन चाईबासा के मामले की तरह इसकी कार्यवाही झारखंड उच्च न्यायालय के एक अन्य आदेश के बाद लंबित है, जिसमें ‘कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं’ करने का निर्देश दिया गया है. हाईकोर्ट ने यह आदेश राहुल गांधी द्वारा नवीन झा के मामले में उनके खिलाफ लिए गए संज्ञान को रद्द करने के लिए दाखिल याचिका पर दिया है.
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मोदी द्वारा दायर रांची के एक अन्य मामले में मुकदमा चल रहा है, और मामला साक्ष्य के स्तर पर है. राहुल ने अदालत के समक्ष याचिका दायर कर मामले में कार्यवाही रोकने का प्रयास किया, लेकिन अदालत ने हस्तक्षेप नहीं किया और संज्ञान को रद्द करने की मांग वाली राहुल की याचिका को खारिज कर दिया है.