- गोड्डा के महगामा अंचल की पंजी-टू में की गई हेराफेरी
- विभाग की ओर से की गई जांच में हुआ खुलासा
Pravin Kumar/ Amit Singh
Ranchi : गोड्डा जिले के महगामा अंचल में सैकड़ों बीघा सरकारी जमीन को कैलाश कुमार टिबड़ेवाल ने फर्जी तरीके से अपने पूर्वजों के नाम करवाई है. अवैध तरीके से पंजी-2 में ये नाम दर्ज करवाए गए हैं. इसका खुलासा सरकारी जांच में हुआ है. जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ रही है, सरकारी जमीन लूटने वाले बेनकाब हो रहे हैं. कई ऐसे लोगों का नाम सामने आया है, जिनके पूर्वज झारखंड या बिहार में रहते ही नहीं थे. ऐसे लोग भी सरकारी जमीन पर अपना दावा जता रहे हैं. कैलाश टिबड़ेवाल के चचेरे भाई (तथाकथित मुंशी) दिलीप टिबड़ेवाल पर जमीन पर दखल के लिए कागजी फर्जीवाड़े के साथ अराजक तत्वों का भी सहारा लेने का आरोप है. इस संबंध में महगामा थाने में कांड संख्या 65/23 दर्ज है.
पंजी-टू में पूर्वजों का नाम कैसे आया, किसी को पता नहीं
महगामा सीओ ने 2021 की जांच रिपोर्ट में कहा है कि पंजी-टू में कैलाश कुमार टिबड़ेवाल के पूर्वजों का नाम कैसे आया, यह किसी को पता नहीं है. खुद कैलाश को भी इसकी जानकारी नहीं है. वर्ष 2021 में कैलाश कुमार टिबड़ेवाल का नौकर बताता है कि केस नंबर 04/60-61 द्वारा पंजी-टू में नाम दर्ज हुआ है मगर पंजी-टू में इसका कोई जिक्र नहीं है. और न ही केस से संबंधित दस्तावेज हैं. स्पष्ट है कि अवैध रूप से पंजी-टू में नाम चढ़वाए गए हैं.
जमीन एक, जांच रिपोर्ट अलग-अलग
महगामा एसडीओ ने सरकारी जमीन से संबंधित मामले की जांच कराई. एसडीओ ने एक ही जमीन की दो बार जांच कराई है. एक जांच 2019 और दूसरी 2021 में हुई. एसडीओ के आदेश पर महगामा सीओ, राजस्व पदाधिकारी आदि ने स्थल निरीक्षण किया. स्थानीय लोगों से बातचीत की. जमीन से संबंधित रिकॉर्ड की जांच पंजी टू से की गई. दोनों जांच रिपोर्ट अलग-अलग हैं जबकि जमीन और रकबा एक है. दोनों जांच में एक बात सामान्य है कि सरकारी जमीन हड़पने के लिए कैलाश कुमार टिबड़ेवाल ने फर्जीवाड़ा किया है.
2019 की रिपोर्ट में क्या कहा है सीओ ने
अनुमंडल पदाधिकारी, महगामा के न्यायालय के आरईआर केस नं. 47/17-18 रविशंकर टेकरीवाल बनाम वासुदेव टेकरीवाल मसले में महगामा सीओ ने 2019 में जांच रिपोर्ट भेजी. इसमें बताया है कि रविशंकर टेकरीवाल बनाम वासुदेव टेकरीवाल की जांच राजस्व अभिलेख से मिलान करते हुए ग्रामीणों से पूछताछ कर की गई. जांच में पाया गया है कि दूसरे पक्ष का क्रमांक-06 बिहारीलाल टिबड़ेवाल, क्रमांक-15 बद्री टिबडेवाल, क्रमांक-17 चंदर टिबडे़वाल, क्रमांक-18 विश्वनाथ टिबडे़वाल की मृत्यु हो गई है. आवेदन पत्र में प्रथम पक्ष रविशंकर टेकरीवाल पिता स्व. बनवारीलाल टेकरीवाल, ग्राम-तुलसीकित्ता, थाना व अंचल-पथरगामा द्वारा जो आवेदन पत्र में वर्णित भूमि है, गेंजर सर्वे खतियान में मौजा- लीलवारी, थाना नं-567, जमावंदी नं 27, दाग नं.-07 रकबा एक बीघा 9 कट्ठा 09 धूर एवं दाग नं-51 (रकबा 14 बीघा 14 धूर)] कुल रकबा 16 बीघा 10 डेसिमल 03 धूर, बाबू द्वावारिका प्रासाद ढंढनिया पे-महादेवलाल के नाम से कायम है. किंतु जमाबंदी कायम करने का आधार परिवर्तन का अधिकार कॉलम अंकित नहीं है, जो संदेहास्पाद प्रतीत होता है.
2021 की जांच रिपोर्ट में सीओ ने क्या कहा
आवेदक वैद्यनाथ ब्रह्म पिता, रामलाल ब्रह्म, ग्राम महगामा द्वारा मौजा लीलवारी थाना नंबर 567, ज.नं.-27 के गेंजर सर्वे के पर्चे की सत्यापित प्रतिलिपि (जो अभिलेखागार से निर्गत है) की छाया प्रति एवं कैथी भाषा में लिखित पुराने पर्चे की छायाप्रति समर्पित की गई है, जो राजस्व उपनिरीक्षक के हल्का कार्यालय में उपलब्ध खतियान में भिन्न है. उक्त पर्चे का सत्यापन अभिलेखागार गोड्डा से कराया जाना आवश्यक प्रतीत होता है. जमाबंदी कायम करने का आधार परिवर्तन के अधिकार कॉलम में अंकित नहीं है, जो संदेहास्पद प्रतीत होता है.
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