Tisri (Giridih) : तिसरी प्रखंड अंतर्गत सिंघो पंचायत के ककनी गांव की 84 साल की हसमुन खातून खुद को ज़िंदा साबित करने के लिए प्रखंड कार्यालय का चक्कर काट रही हैं. पिछले साल हसमुन खातून को मृत घोषित कर उन्हें मिलने वाले वृद्धा पेंशन को रद्द कर दिया गया. जिसके बाद से कागज़ात लेकर हसमुन खातून प्रखँड कार्यालय के बाबूओं को यह बताती फिर रही हैं कि वह ज़िंदा हैं, इसके बावजूद कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
थक चुकी हैं हसमुन
हसमुन खातून बतातीं है कि उन्हें वृद्धा पेंशन का लाभ मिल रहा था. लगभग एक वर्ष पूर्व तिसरी ब्लॉक से सत्यापन के लिए गए दो सरकारी कर्मियों ने गांव के किसी व्यक्ति के कहने पर उन्हें मृत घोषित कर मिल रहे वृद्धा पेंशन को रद्द कर दिया. एक साल से ब्लॉक आ रही हैं और हर बार वो मायूस होकर लौट रही हैं.
क्या कहते हैं बीडीओ
मामला जब सिंघो के नवनिर्वाचित मुखिया मो.हासिमउद्दीन के पास पहुंचा तो उन्होंने बीडीओ को इसकी जानकारी दी. बीडीओ संतोष प्रजापति ने कहा कि मामले को संज्ञान में लेते हुए उन्होंने पेंशन सूची में सुधार के लिए जिला भेज दिया है. जल्द ही हसमुन खातून को पुनः पेंशन का लाभ मिलना शुरू हो जायेगा. उन्होंने कहा कि स्थानीय कर्मचारी की लापरवाही से ऐसा हुआ है. लिहाजा सभी कर्मचारियों को गहनता पूर्वक सत्यापन करने का निर्देश दिया है.
बीडीओ चाहे जो भी कहें लेकिन सरकारी कर्मियों की इस लापरवाही का खामियाज़ा हसमुन खातून को एक साल से भुगतना पड़ रहा है. ये लापरवाही पूरी व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है. उससे बड़ा सवाल यह है कि एक साल से आखिरकार हसमुन की सुनवाई क्यों नहीं हुई.
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