New Delhi : भारत के सीजेआई डॉ डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि देश में समानता कायम रखने के लिए आपसी बंधुता जरूरी है. उनका कहना था कि अगर लोग एक दूसरे से लड़ेंगे तो देश आगे कैसे बढ़ेगा? न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ बीकानेर के महाराजा गंगासिंह विश्वविद्यालय में हमारा संविधान हमारा सम्मान अभियान समारोह को संबोधित कर रहे थे. इस क्रम में कहा कि हमें संविधान की भावना के अनुरूप एक दूसरे के प्रति आदर का भाव रखना चाहिए. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
#WATCH | Bikaner, Rajasthan: Addressing at the inauguration of regional-state level ‘Hamara Samvidhan Hamara Samman’ Campaign, CJI DY Chandrachud puts the spotlight on (Artificial Intelligence) AI.
He says, “We can make Artificial Intelligence (AI) people-friendly…From 1950… pic.twitter.com/2AKOr9QvLz
— ANI (@ANI) March 9, 2024
संविधान निर्माताओं के मन में मानवीय गरिमा का महत्व सर्वोच्च था
सीजेआई ने कहा, संविधान निर्माताओं के मन में मानवीय गरिमा का महत्व सर्वोच्च था. उन्होंने कहा, डॉ बाबा साहेब आंबेडकर ने संविधान सभा की प्रारूप समिति के अध्यक्ष के रूप में यह सुनिश्चित किया कि संविधान न्याय, स्वतंत्रता और समानता के मूल्यों के साथ साथ बंधुता और व्यक्ति की गरिमा की भावना को भी बढ़ावा दे.
देश के नागरिक अपने दायित्वों का निर्वहन करें
उन्होंने कहा, ‘इसलिए जब हम हमारा संविधान, हमारा सम्मान…कहते हैं तो हमें इस बात पर भी जोर देना होगा कि हम देश में बंधुता व भाईचारे को भी बढ़ावा दें. इन भावनाओं को अपने निजी जीवन में आत्मसात करें. सीजेआई कहा, देश के नागरिकों को यह समझना होगा कि एक तरफ जहां संविधान उनके अधिकारों की बात करता है, दूसरी तरफ यह भी उम्मीद करता है कि देश के नागरिक अपने दायित्वों का निर्वहन करें.
संविधान के मूल्यों से लोगों का परिचय करवाने में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण
न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि संविधान और उसके मूल्यों से लोगों का परिचय करवाने में राज्य की भूमिका महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा, भारतीय संविधान समावेशी तौर पर बनाया गया था. कानून के समक्ष समानता का अधिकार संविधान देता है. इसमें निहित सिद्धांत व अधिकार सभी नागरिकों पर लागू होते हैं चाहे उनकी पृष्ठभूमि, धर्म, जाति, लिंग या कोई अन्य विशेषता कुछ भी हो. संविधान यह सुनिश्चित करता है कि सभी व्यक्तियों के साथ समान व्यवहार किया जाये और उन्हें समान अवसर प्राप्त हों.
हमारा देश आज भी गांवों में बसता है
उन्होंने कहा, हमारा देश आज भी गांवों में बसता है. उनमें रहने वाले प्रत्येक व्यक्ति को हमें संविधान एवं इसके मूल्यों से परिचित कराना है. जब तक संविधान की बात देश के गांवों तक नहीं पहुंचेगी तब तक हमारा मिशन अधूरा रहेगा. उन्होंने कहा, ”संविधान की भावनाओं को देश के प्रत्येक नागरिक तक पहुंचाना हम सभी नागरिकों का कर्तव्य है. कार्यक्रम में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश मनिन्द्र मोहन श्रीवास्तव व केंद्रीय विधि राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल तथा राज्य के विधि मंत्री जोगाराम पटेल भी मौजूद थे.