Pravin kumar
Ranchi : राज्य सरकार के विभिन्न विभागों और कार्यालयों में अनुबंध या संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा शर्तों, अवधि और मानदेय पर एकरूपता तय करने के लिए उच्चस्तरीय कमेटी का गठन अगस्त 2020 में किया था. लेकिन कमिटी का गठन को साल भर से अधिक हो गये. प्राप्त सूचना के अनुसार कमिटी ने अपनी रिपोर्ट सरकार को नहीं सौंपी है. इस कारण संविदाकर्मियों सेवा शर्तों, अवधि और मानदेय पर एकरूपता का मामला अटका हुआ है. ज्ञात हो कि पिछले वर्ष कई दिनों से राजधानी के मोरहाबादी मैदान में सहायक पुलिसकर्मियों अपनी मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे थे. उसी दौरान सरकार ने अनुबंध-संविदा कर्मियों
के प्रति रुख नरम करते हुए इनकी मांगों पर विचार करने के लिए विकास आयुक्त की अध्यक्षता में समिति गठन करने का फैसला लिया था. कार्मिक, प्रशासनिक सुधार तथा राजभाषा विभाग के सूत्रों के मुताबिक कमिटी ने अभी तक रिपोर्ट तैयार नहीं की है. इसके कारण अनुबंध-संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार और नियमितीकरण का मामला अटका हुआ है.
कमिटी को देनी थी रिपोर्ट
कई विभागों में अनुंबध और संविदा पर कार्य कर रहे हजारों कर्मियों की सेवा सहित कई मामलों पर विचार करने के लिए 2 020 अगस्त माह में सरकार ने एक समिति गठित की थी. समिति के अध्यक्ष उच्च स्तरीय समिति के अध्यक्ष विकास आयुक्त को बनाया गया था, जबकि कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव इसके सदस्य सचिव बनाए गए थे. वहीं योजना सह वित्त विभाग के अपर मुख्य सचिव और प्रधान सचिव-सह-विधि परामर्शी इसके सदस्य बने है. यह समिति अनुबंध-संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार तथा नियमितीकरण के संबंध में उठाई जा रही मांग की समीक्षा कर अपनी रिपोर्ट सरकार को देगी.
संविदा कर्मियों नियमितीकरण को लेकर देनी थी राय
कमेटी संविदा कर्मियों की सेवा शर्तों में सुधार व नियमितीकरण के लिए उठ रही मांगों की समीक्षा कर राय देगी. कमेटी विभागों में संविदा पर कार्यरत कर्मियों की संख्या, नियुक्तियों में अपनायी गयी प्रक्रिया की विवरणी, उनकी सेवा शर्तों, सेवा अवधि और मानदेय की विवरणी, न्यायालय के आदेश के आलोक में कर्मियों की सेवा नियमितीकरण की संभावनाएं और उनकी वर्तमान सेवा शर्तों के सुधार के संबंध में परामर्श देना था.