New Delhi : सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पूर्वी लद्दाख में चीन के साथ सीमा विवाद की पृष्ठभूमि में कहा कि भारत का दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान के साथ विवादों के शांतिपूर्ण हल और अंतरराष्ट्रीय नियमों के पालन पर जोर देता है.
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चाणक्य रक्षा संवाद में आज शुक्रवार को जनरल पांडे ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि भारत दुनियाभर में नये स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहा है और सेना मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहती है.
भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की स्थिति उज्ज्वल
मौजूदा भू-राजनीतिक उथल-पुथल के संदर्भ में उन्होंने अंतरराष्ट्रीय मामलों में राष्ट्रीय सुरक्षा की बढ़ती महत्ता और आर्थिक व सामरिक शक्ति पर ध्यान देने की आवश्यकता पर जोर दिया. सेना प्रमुख ने निराशा और भू-राजनीतिक उतार-चढ़ाव के बीच भारत की स्थिति को उज्ज्वल बताया. जनरल पांडे ने कोई विशिष्ट संदर्भ दिये बगैर कहा, हमारा दृष्टिकोण सभी देशों की संप्रभुत्ता और क्षेत्रीय अखंडता के सम्मान, सभी के लिए समानता, विवादों के शांतिपूर्ण हल, बलप्रयोग से बचने और अंतरराष्ट्रीय नियमों एवं कानूनों के पालन पर जोर देता है.
सैन्य क्षेत्र में हम उभरती बहुपक्षीय संरचना में अपनी भूमिका समझते हैं
उन्होंने कहा कि सभी पक्षकारों के साथ सकारात्मक रूप से जुड़ने की भारत की प्रतिबद्धता विगत वर्षों में अटूट और स्थायी रही है. सेना प्रमुख ने कहा, सैन्य क्षेत्र में हम उभरती बहुपक्षीय संरचना में अपनी भूमिका को समझते हैं. हम मैत्रीपूर्ण विदेशी साझेदार देशों के साथ अपने संयुक्त प्रशिक्षण और अभ्यासों, उप-क्षेत्रीय दृष्टिकोण और उत्कृष्ट प्रक्रियाओं को साझा करने का दायरा व पैमाना बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने कहा, हमारी रक्षा सहयोग पहुंच को बढ़ावा देने के लिए हम दुनियाभर में नए स्थानों पर रक्षा शाखाएं स्थापित कर रहे हैं.
हमारे सामने आने वाली चुनौतियां महत्वपूर्ण है
उन्होंने कहा, हमारे सामने आने वाली चुनौतियां महत्वपूर्ण है लेकिन अवसर और सामूहिक चेतना तथा ताकत भी महत्वपूर्ण हैं. भारत के बढ़ते कद के बारे में सेना प्रमुख ने कहा कि आज विश्व मंच पर भारत एक विश्वसनीय आवाज है जो ग्लोबल साउथ की चिंताओं को स्पष्ट करने में उल्लेखनीय और प्रभावी है. ग्लोबल साउथ शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है.
सामूहिक प्रयासों का लाभ केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है
सेना प्रमुख ने कहा, भारत अपने साझेदारों तथा समान विचारधारा वाले देशों के साथ लोकतंत्र, मानवाधिकारों और कानून के राज जैसे साझा हितों और मूल्यों को साझा करता है. साझा मूल्यों का यह गठबंधन सहकारी सुरक्षा प्रयासों के लिए ठोस आधार बनाता है. उन्होंने कहा, इन सामूहिक प्रयासों का लाभ केवल सुरक्षा तक सीमित नहीं है बल्कि आर्थिक प्रभाव, नवोन्मेष, प्रौद्योगिकी, क्षमता निर्माण, बहुपक्षीय समस्या के समाधान और कूटनीति तक भी है.
सेना प्रमुख ने यह भी कहा कि प्रौद्योगिकी, भू-राजनीति को अभूतपूर्व रूप से आगे बढ़ा रही है, यह न केवल सामरिक प्रतिस्पर्धा को, बल्कि युद्ध लड़ने के तरीकों को भी बदल रही है.