LagatarDesk: 14 दिसंबर यानी आज के दिन हिंदी फिल्म जगत के पहले और महान शोमैन राज कपूर की 95वीं बर्थ एनिवर्सरी है. राज कपूर को भारतीय सिनेमा में सबसे प्रभावशाली अभिनेताओं और फिल्म निर्माताओं में से एक माना जाता है. उनके कामों को दुनिया भर के दर्शकों ने सराहा है. विशेष रूप से पूर्व सोवियत संघ, चीन और अफ्रीका में. फिल्मकार के रूप में राज कपूर को बहुत प्रशंसा और पुरस्कार मिले हैं. इनमें तीन राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 11 फिल्मफेयर पुरस्कार शामिल हैं.
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आइये फिल्म इंडस्ट्री में उनके सफर पर एक नजर डालते हैं
राज कपूर ने वर्ष 1935 में आयी फिल्म इंकलाब के साथ 10 साल की उम्र में अभिनय करियर की शुरुआत की. हालांकि उनका बड़ा ब्रेक वर्ष 1947 के बाद आया. राज कपूर को नील कमल फिल्म से प्रसिद्धि मिली थी. इस फिल्म में लीड एक्ट्रेस मधुबाला थीं. इसके बाद उन्होंने अपनी फिल्म स्टूडियो R.k Films की स्थापना की. स्टूडियो से पहली फिल्म Aag रिलीज हुई. इस फिल्म को राज कपूर ने डायरेक्ट किया था. एक अभिनेता के रूप में राज कपूर को पहली बड़ी सफलता महबूब खान की अंदाज मूवी से मिली थी. इसमें दिलीप कुमार और नरगिस ने भी अभिनय किया था. अगले दशक में, राज कपूर ने बहुत सी हिट फिल्मों का निर्माण और अभिनय किया. उनके होम प्रोडक्शन में आवारा, श्री 420, जिस देश में गंगा बहती है, चोरी चोरी, अनाड़ी, संगम, मेरा नाम जोकर, दो उस्ताद, एकोनियां और दास्तान जैसी फिल्में शामिल हैं. इस दशक के दौरान, राज कपूर को भारत के बाहर, विशेष रूप से तत्कालीन सोवियत संघ, चीन और अफ्रीका में बड़ी सराहना और प्रशंसा मिली थी.
उन्हें फिल्म मेरा नाम जोकर बनाने में छह साल लगे थे. जो बॉक्स ऑफिस पर टिक गयी. इस फिल्म ने उन्हें और उनके परिवार को वित्तीय संकट में भी डाल दिया. कपूर ने 1970 और 1980 के दशक के दौरान फिल्म में निर्देशन और अभिनय करना जारी रखा और अपने स्वयं के निर्देशन के साथ अपने तीन बेटों को लांच किया. दमा से संबंधित बीमारी के कारण राज कपूर की 1988 में 63 वर्ष की आयु में मृत्यु हो गयी. अपनी मृत्यु के समय वह हिना नाम की भारत-पाकिस्तान आधारित प्रेम कहानी पर काम कर रहे थे.
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