New Delhi : कोरोना, ओमिक्रॉन, मंकीपॉक्स और स्वाइन फ्लू के बाद अब एक नया फ्लू चर्चा का विषय बन चुका है. इसका नाम टोमैटो फ्लू है. 17 अगस्त को लैंसेट जर्नल ने एक आर्टिकल प्रकाशित किया है, जिसके मुताबिक भारत में एक नई बीमारी टोमैटो फ्लू सामने आई है. इस बीमारी की चपेट में अब तक 80 से ज्यादा मरीज आ चुके हैं. भारत के दक्षिणी राज्य केरल में इसका सबसे ज्यादा प्रकोप देखने को मिला है. बच्चे सबसे पहले इसका शिकार हो रहे हैं.
बच्चों में दिखते हैं ऐसे लक्षण
केरल में 5 साल से कम उम्र के बच्चों में ये बीमारी पाई गई है. इस बीमारी में बच्चों को बुखार के साथ लाल चकत्ते यानी लाल दाने निकलते हैं, जो कुछ-कुछ टमाटर जैसे लगते हैं. आम तौर पर ये बीमारी ऐसे बच्चों में देखी जा रही है, जिन्हें हाल ही में डेंगू या चिकनगुनिया हुआ हो और वो उससे रिकवर कर रहे हों. इस बीमारी में बुखार के साथ थकान, लाल दाने, जोड़ों में दर्द हो सकता है.
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बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका कम
इस बारे में चिकित्सकों ने बताया कि मंकीपॉक्स इस बीमारी से काफी अलग है. यह कम खतरनाक भी है. आमतौर पर यह बीमारी आराम करने और बुखार की दवा लेने से ही 5 से 7 दिन में ठीक हो जाती है. ये एक बच्चे से दूसरे बच्चे में फैल सकती है, लेकिन इसके बच्चों से बड़ों में फैलने की आशंका कम ही रहती है. हालांकि कई एक्सपर्ट्स के मुताबिक ये कोई नई बीमारी नहीं है. बस इसे टोमैटो फ्लू का नया नाम दे दिया गया है.
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पहले से मौजूद है यह बीमारी
डॉ अनिल बत्रा के मुताबिक, ये बच्चों में पाई जाने वाली हैंड, फुट एंड माउथ डिजीज ही है या ये उसका वेरिएंट भी हो सकता है. ये बीमारी पहले भी भारत के हर हिस्से में बच्चों में पाई गई है. नई बीमारी का नाम देने के लिए पहले रिसर्च और टेस्ट के ज़रिए इस बीमारी की पहचान होनी चाहिए.
तमिलनाडु, कर्नाटक और ओड़िशा में भी यह बीमारी
जर्नल की रिपोर्ट के मुताबिक टोमैटो फ्लू का पहला मामला 6 मई को केरल के कोल्लम में मिला. तीन महीने में इस बीमारी ने 82 बच्चों को अपनी चपेट में लिया है. केरल के अलावा तमिलनाडु, कर्नाटक और ओड़िशा में भी इस बीमारी के शिकार बच्चे मिले हैं. ये बीमारी कोरोना वायरस की तरह तेजी से नहीं फैलती और ना ही मंकीपॉक्स की तरह जानलेवा साबित होती है. बच्चों को आराम करवाएं, स्कूल और खेलने ना जाने दें. बच्चों को पानी देते रहें. हालांकि दक्षिण के कुछ राज्यों में इस बीमारी के फैलने के बाद राज्य सरकारों के स्तर पर सावधानी जरूर बरती जा रही है.
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