Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) पिछले एक महीने से सब्जियों ने घर का बजट बिगाड़ रखा है. आलू को तो सब्जियों का राजा माना जाता है. जबकि प्याज को गरीबों का साथी. लेकिन राजा के तेवर चढ़े हुए हैं तो साथी दूर छिटक रहा है. दो माह पहले 12 से 14 प्रति किलो बिक रहा आलू 25 से 27 रुपये तक छलांग लगा चुका है. प्याज 18 से 20 रुपये प्रति किलो तक बिका था, जो अब 25 रुपये में बिकने को तैयार नहीं. खुदरा में तो 30 रुपये प्रति किलो बिक रहा है. कल तक 60 रुपये किलो बिक रहा टमाटर अब 20 रुपये की छलांग लगा कर 80 रुपये तक पहुंच गया है.
आलू बंगाल से नहीं आ रहा, टमाटर की पैदावार कम
पुलिसलाइन में आलू- प्याज विक्रेता उज्जवल सेन बताते हैं कि 2 माह पहले सफेद आलू 14 रुपये बिक रहा था. वह अब 20 रुपये और लाल आलू 20 से 25 हो गया. टमाटर एक ही दिन में 20 रुपये ज्यादा मूल्य पर बिकने लगा है.फिलहाल बंगाल का आलू नही आ रहा है. यूपी से मंगाना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि ट्रांसपोर्ट के कारण रेट पर भारी असर पड़ा है. उन्होंने कहा कि कि गर्मी व लू के कारण नए आलू की पैदावार दो महीने देरी से हुई. उससे भी रेट पर असर पड़ा. उनका कहना था कि टमाटर व अन्य सब्जियों की पैदावार कम होने के कारण महंगी हो गई. प्याज के बाहर भेजे जाने एवं महाराष्ट्र से आवक नहीं होने के कारण महंगा हो गया.
अब 200 रुपये में मात्र दो टाइम की सब्जी
स्टील गेट निवासी सुनील सिन्हा का कहना है कि 200 रुपये जेब में डाल कर जाते हैं तो घर की दो टाइम की सब्जी मिल पाती है. दो महीने पहले इतने ही रुपये में दो दिन की सब्जी आ जाती थी. पुलिस लाइन के राकेश शर्मा का कहना है दिन-ब-दिन बढ़ती महंगाई के कारण घर का खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है. पहले पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस और अब खाद्य पदार्थ के बाद हरी सब्जियों में भी आग लग गई है. ऐसे में घर के बजट का तो राम ही रखवाला है. अन्य खर्चों में कटौती करनी पड़ रही है.
15 हजार तनख्वाह से नहीं संभल रही महंगाई
मनईटांड़ के अजय कुमार का कहना है कि 15000 की नौकरी करने से अच्छा है मर जाना. महंगाई प्रतिदिन बढ़ती जा रही है घर में कुल मिलाकर 5 लोग हैं. 15000 की नौकरी से महीने भर 5 लोगों का खर्च चलाना काफी मुश्किल हो रहा है. महीने की आखिरी तारीख तक तनख्वाह से ₹500 भी नहीं बचती है.
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