NewDelhi : टूलकिट केस में जलवायु कार्यकर्ता दिशा रवि की गिरफ्तारी की आलोचना करने वालों की निंदा की गयी है. दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ ने दिशा को 13 फरवरी को बेंगलुरु से गिरफ्तार किया था.खबर है कि न्यायपालिका और कानून प्रवर्तन एजेंसियों के पूर्व सदस्यों ने आलोचकों की निंदा करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को पत्र लिखा है.
इस पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले 47 लोगों में राजस्थान के पूर्व मुख्य न्यायाधीश वीएस कोकजे, दिल्ली और पटना उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीश रह चुके न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन, पंजाब के पूर्व पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) पीसी डोगरा, सीबीआई के पूर्व निदेशक नागेश्वर राव तथा केरल के पूर्व डीजीपी आर पद्मनाभन शामिल हैं.
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निहित स्वार्थ वाले लोग दिल्ली पुलिस पर कीचड़ उछाल रहे हैं
पत्र में आरोप लगाया गया है कि निहित स्वार्थ वाले लोग अपनी राष्ट्र विरोधी हरकतों को छिपाने के लिए ऐसा कर रहे हैं और दिल्ली पुलिस पर कीचड़ उछाल रहे हैं. पुलिस की कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा कि सार्वजनिक रूप से उपलब्ध सूचना यह स्पष्ट तौर पर साबित होता है कि टूलकिट दस्तावेज के तार आईएसआई(पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी) और खालिस्तानी संगठनों से जुड़े हुए हैं.
उन्होंने केंद्र सरकार से यह सुनिश्चित करने का अनुरोध किया कि दिल्ली पुलिस को निहित स्वार्थ वाले लोगों के गैर वाजिब दबाव के बगैर स्वतंत्र एवं निष्पक्ष तरीके से मामले की जांच करने दी जाये और भारत में और विदेश में अलगावावादी ताकतों के हाथों की कठपुतली बने लोगों को न्याय के दायरे में लाने दिया जाये.
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दिशा के कम उम्र के होने को लेकर पुलिस की आलोचना
बता दें कि कई विपक्षी दलों और संगठनों ने दिशा की गिरफ्तारी की आलोचना करते हुए आरोप लगाया है कि यह लोकतंत्र पर हमला है. साथ ही, उन्होंने सरकार पर अपनी आलोचना करने वालों को खामोश करने की कोशिश करने का भी आरोप लगाया है. उनमें से कई ने दिशा के कम उम्र के होने को लेकर भी पुलिस की आलोचना की है.
कुछ भारतीय नागरिक प्रतिबंधित तत्वों के साथ संपर्क रखे हुए हैं
पत्र में कहा गया है कि दुख के साथ इस बात का जिक्र करना पड़ रहा है कि कुछ भारतीय नागरिक प्रतिबंधित तत्वों और संगठनों के साथ संपर्क रखे हुए हैं, जिन्होंने अमेरिका, कनाडा, ब्रिअेन और यूरोप के प्रमुख शहरो में सभी भारतीय दूतावाओं, उच्चायोगों और महावाणिज्य दूत कार्यालयों के सामने प्रदर्शन करने की योजना को अंजाम दिया, ताकि भारत सरकार को अपमानित किया जा सके.
जान लें कि ‘टूलकिट ऐसा दस्तावेज होता है, जिसमें किसी मुद्दे की जानकारी देने के लिए और उससे जुड़े कदम उठाने के लिए विस्तृत सुझाव दर्ज होते हें. आमतौर पर किसी बड़े अभियान या आंदोलन के दौरान उसमें हिस्सा लेने वाले लोगों को इसमें दिशा-निर्देश दिये जाते हैं।. इसका उद्देश्य किसी खास वर्ग या लक्षित समूह को जमीनी स्तर पर गतिविधियों के लिए दिशानिर्देश देना होता है.
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