Dhanbad सड़कों पर ट्रैफिक के वही पुराने जर्जर पोल वाहन चालकों को रास्ता दिखा रहे हैं. कहीं तो पोल सीधे आसमान की ओर इशारा कर रहा है. बता दें कि सात साल पूर्व राष्ट्रीय खेल के दौरान शहर के कई महत्वपूर्ण चौक-चौराहों, सिटी सेंटर, बैंकमोड़, रणधीर वर्मा चौक, जेपी चौक, श्रमिक चौक, पूजा टॉकीज, स्टील गेट, गोविंदपुर समेत विभिन्न जगहों पर ट्रैफिक सिग्नल लगाए गए थे, पर वे कभी जले नहीं. हालांकि उन सिग्नल लाइट पर तकरीबन 20 लाख से अधिक राशि नगर निगम द्वारा खर्च की गई थी. राशि खर्च करने के बाद ना तो नगर निगम ने ट्रैफिक सिग्नल लाइट जलाने पर ध्यान दिया और ना ही ट्रैफिक पुलिस ने इस पर कोई पहल की. दोनों की लापरवाही से लाखों रुपये बर्बाद हो चुके हैं. वर्तमान स्थिति यह है कि ट्रैफिक सिग्नल के पोल मरम्मत के अभाव में बारिश व धूप से अब सड़ने लगे हैं. ट्रैफिक सिग्नल लाइट का केवल जर्जर पोल सड़क की शोभा बढ़ा रहा है, जबकि ट्रैफिक व्यवस्था दुरुस्त करने के लिए शहर की कुछ सड़कों का चौड़ीकरण किया जा रहा है. सिटी सेंटर से बरवाअड्डा तक फोरलेन सड़क बनकर तैयार है. वाहनों की रफ्तार इन सड़कों पर बढ़ती जा रही है, परंतु उन वाहनों को नियंत्रित करने के लिए ट्रैफिक सिग्नल नहीं है.
ट्रैफिक व्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए यह लाइट लगाई गई थी, लेकिन अब यह अपनी ही मरम्मत की राह देख रही है. ट्रैफ़िक लाइट को लेकर नगर आयुक्त सत्येंद्र कुमार ने पल्ला झाड़ते हुए कहा कि यह हमारे अंडर में नहीं आता है.
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