पोस्टमार्टम प्रक्रिया 70 मिनट में किया गया पूरा, जांच में अनियमितताओं की आशंका
जांच रिपोर्ट तैयार करने में भी जल्दबाजी की गयी
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और शहर पुलिस की जब्ती सूची में बड़ा विरोधाभास
Kolkata : कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में ट्रेनी-डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर मामले में नया अपडेट सामने आया है. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने इस मामले की जांच रिपोर्ट में गंभीर खामियां पायी है. जानकारी के अनुसार, पहली चूक तब पकड़ी गयी जब मजिस्ट्रेट की रिपोर्ट में कहा गया कि उन्हें पीड़िता के शव की जांच के लिए केवल 20 मिनट का समय मिला. यह समय मामले की गंभीरता को देखते हुए असामान्य रूप से कम है. सूत्रों ने बताया कि न्यायिक मजिस्ट्रेट को पीड़िता के शव की जांच के लिए बहुत कम समय दिया गया था. जांच अधिकारियों का मानना है कि जांच रिपोर्ट तैयार करने में भी जल्दबाजी की गयी. इसके अलावा पोस्टमार्टम प्रक्रिया को केवल 70 मिनट में पूरा कर लिया गया, जिससे जांच में अनियमितताओं की आशंका है.
पोस्टमार्टम रिपोर्ट और शहर पुलिस की जब्ती सूची में बड़ा विरोधाभास
सीबीआई के अधिकारियों ने दूसरी बड़ी लापरवाही यह पायी है कि जांच रिपोर्ट में पीड़िता के शरीर पर लगे घावों के बारे में विस्तार से जानकारी नहीं दी गयी. साथ ही जांच अधिकारियों ने पोस्टमार्टम रिपोर्ट और शहर पुलिस की जब्ती सूची में बड़े विरोधाभासों की पहचान की है. यह तब सामने आये जब केंद्रीय एजेंसी ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जांच का जिम्मा संभाला. इससे पता चलता है कि शुरुआती जांच में अनियमितताएं हुईं हैं.
मौत का कारण पता लगाने के लिए तैयार की जाती है जांच रिपोर्ट
कानूनी शब्दों में जांच रिपोर्ट एक दस्तावेज है जो पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट द्वारा तब बनाया जाता है जब कोई व्यक्ति अचानक, अनजाने में या हिंसक तरीके से मरता है. इसमें मृतक की पहचान, उसकी मौत का कारण और यह पता लगाने के लिए तैयार किया जाता है कि क्या मौत अप्राकृतिक या संदिग्ध थी. रिपोर्ट के अनुसार, महिला डॉक्टर 9 अगस्त को आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के सेमिनार हॉल में रहस्यमय परिस्थितियों में मृत पायी गयी थी. इस मामले में अब तक तीन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.