Ranchi : रांची के मोरहाबादी मैदान में शनिवार को विभिन्न आदिवासी संगठन समेत हजारों लोग शामिल हुए. वहां से पैदल मार्च करते हुए सभी आदिवासी संगठनों ने राज्य निर्वाचन आयोग, झारखंड में पहुंचे और आपत्ति दर्ज कराया गया. नगरपालिका शेड्यूल एरिया में आदिवासी आरक्षित सीटों को गैर-आदिवासी करने से आदिवासी समाज आक्रोशित हैं, ये धीरे-धीरे शेड्यूल क्षेत्रों में सेंधमारी हो रहा है. 5वीं अनुसूची क्षेत्र होने के बावजूद नगर पालिका/परिषद् बने, लेकिन अब गैर-आदिवासियों को आरक्षित कर, आदिवासी अधिकार को हनन किया जा रहा है. इस अधिसूचना के विरोध में आदिवासी समाज विरोध प्रदर्शन कर रहा है और आगे भी बड़े स्तर पर आंदोलन तेज होगा. अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद, जय आदिवासी केंद्रीय परिषद्, आदिवासी सेना, आदिवासी विस्थापित मोर्चा, आदिवासी उत्थान परिषद्, केन्द्रीय सरना समिति, आदिवासी जन अधिकार मंच आदि मौजूद रहे.
आदिवासियों की संविधान प्रदत्त अधिकारों के साथ खिलवाड़ : बबलू मुंडा
केंद्रीय सरना समिति के अध्यक्ष बबलू मुंडा और महासचिव कृष्ण कांत टोप्पो ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि झारखंड जैसे आदिवासी बहुल राज्य में आदिवासियों की संविधान प्रदत्त अधिकारों के साथ खिलवाड़ कर यहां के नेता और नौकरशाह जो षड्यंत्र कर आदिवासियों के साथ अन्याय कर रहे हैं, यह अब बर्दाश्त से बाहर होती जा रही है और झारखंडी हिंसक आंदोलन की ओर अग्रसर हो रहा है. विदित हो कि झारखंड अनूसूचित राज्य में आदिवासियों के आरक्षित एकल पद जैसे पदों पर भी मनमाने तरीके से आरक्षण की परिभाषा को बदल दिया जा रहा है. रांची राजधानी में आदिवासी आरक्षित मेयर की सीट को अनूसूचित जाति करने पर आंदोलन की शुरुआत हो चुकी है. समिति इस मामले में गंभीर चिंतन कर शीघ्र ही आंदोलन की रूपरेखा तैयार कर बड़े आंदोलन की तैयारी में है.
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