Ranchi : हेमंत सरकार द्वारा जनगणना 2021 में अलग सरना आदिवासी धर्म कोड का प्रावधान लागू करने की मांग केंद्र सरकार को भेजा गया है. विधानसभा से धर्म कोड का प्रस्ताव पारित होते ही राजधानी सहित समस्त झारखंड में खुशी की लहर दौड़ गई. राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान के अनुषंगी सैकड़ो सामाजिक एवं संस्कृति संगठनों ने हर्ष व्यक्त किया है. साथ ही सीएम, मंत्री और पक्ष-विपक्ष के विधायकों के प्रति आभार जताया है.
विधायक बंधु तिर्की ने कहा कि मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा कि सरना समाज को इतनी बड़ी सफलता मिल गई है. धर्म कोड लागू होने से सरना समाज एकजुट होगा और दूसरे समाज के लिए पथ-प्रर्दशक का काम करेगा
सरना धर्म कोड लागू होने से आदिवासियों का विकासः बंधन
धर्मगुरु बंधन तिग्गा ने कहा कि सरना धर्म कोड लागू होने से आदिवासियों का सर्वांगीण विकास होगा. धर्म कोड के पारित होने से राज्य ही नहीं देश के आदिवासी लाभांवित होंगे. साथ ही समस्त मानव जाति एंव सम्पूर्ण मानव कल्याण तथा मानवता का विकास होगा. शिक्षाविद् डॉ करमा उरांव ने कहा कि सरना आदिवासी धर्म कोड का परित होना सम्पूर्ण आदिवासी समाज के लिए मिल का पत्थर साबित होगा. यह कोड सरना धर्म, संस्कृति, आधारभूत संरचना में आधारशिला का काम करेगा.
मौके पर डॉ इरफान अंसारी, विद्या सागर केरकेट्टा, नारायण उरांव, रवि तिग्गा, शिवा कच्छप, वीरेंद्र भगत, बलकू उरांव, निर्मल पाहान, रमेश उरांव, कमले उरांव, शीला उरांव, सुशील उरांव, सुशीला उरांव, आमया संगठन के एस अली ने अपने विचार रखे.
वक्ताओं ने कहा कि यह अवसर आदिवासी समाज विशेष कर सरना समाज के लिए पुनर्जन्म जैसा है. अब आदिवासी समाज का धार्मिक सामाजिक एवं संस्कृति पहचान एवं विशेषता दुनिया के सामने प्रकट होगा एवं भारतीय संस्कृति को मजबूती मिलेगी. मौके पर संसदीय कार्य मंत्री आलमगीर आलम, श्री बंधु तिर्की एवं इरफान की भूमिका को भूरी-भूरी प्रशंसा की गई.
12 को बाइक जुलूस निकालेगा आदिवासी समाज
राष्ट्रीय आदिवासी समाज सरना धर्म रक्षा अभियान 12 नवम्बर को सुबह 11 बजे से मोटरसाइकिल जुलूस निकालेगा. इस दौरान समाज के पुरखा शहीद वीर बुद्ध भगत, बिरसा मुंडा, तेलंगा खड़िया, सिद्धू कान्हू, नीलाम्बर पिताम्बर एवं अन्य की मूर्ति पर माल्यार्पण किया जायेगा. साथ ही सरना समाज के सभी लोग अपने घरों पर सरना झंड़ा लगायेंगे और पटाखे फोड़ेंगे.