Garhwa: जनजाति गौरव दिवस को लेकर प्राइमरी टीचर ट्रेनिंग कालेज के सभागार में अनुमंडल स्तरीय बैठक का आयोजन सुमन उरांव के अध्यक्षता में आयोजित की गई. मौके पर रामजी ने कहा कि भारत गुलाम हुआ पर जनजाति कभी गुलाम नहीं हुआ है. जनजाति परिवार अंग्रेज़ी सरकार के खिलाफ आजादी के कार्यकाल तक लड़ते रहे. अंग्रेजों के विरोध में यहां के जनजातीय वीरों ने अंतिम क्षण तक लड़ाई करते रहे और जनजाति परिवार को संगठित किया. आदिवासी दिवस के नाम पर जनजाति को फोड़ने की कुचक्र रचा जा रहा है, जिससे बचने की जरूरत है. वहीं कुछ आदिवासियों को बरगला कर अलग सरना कोड के नाम पर तोड़ने का प्रयास को सफल नहीं होने देंगे. वास्तविक रुप से यहां का आदिवासी समाज सनातन संस्कृति धर्म में आस्था रखने वाले हैं. उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के कार्यकाल आदिवासी जनजाति समाज को साजिश के तहत तोड़ कर युद्ध स्तर पर धर्मातरण कर जनजातियों को भटकाने का प्रयास किया जा रहा है.
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जनजाति समाज का हो रहा शोषण : गिरिनाथ सिंह
वहीं प्रदेश के पूर्व मंत्री गिरनाथ सिंह ने कहा कि देश के जनजातीय समाज की लगातार शोषण किया जा रहा है. जनजाति समाज को शिक्षित कर सनातन धर्म को जिंदा रखा जा सकता है. इस अवसर पर डॉक्टर गौरी शंकर प्रसाद,सांसद प्रतिनिधि कमलेश नंदन सिंह, भागीरथी सिंह ने भी बैठक में अपने -अपने विचार रखें. मंच का संचालन पूर्व सांसद प्रतिनिधि सुनील माली ने जबकि मौके पर महावीर ठाकुर, मथुरा सिंह, नंदकुमार सिंह, अमरेंद्र कुमार विवेक कुमार चौधरी, बाबुल जी, रोहिणी रमन सिंह आदि उपस्थित थे.
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